जमकर हो रही थी मोटी कमाई, फिर अचानक पहुंचे CBI अफसर; देखते ही RPF के घूसखोर दारोगा की हालत हुई खराब
रेलवे का कबाड़ रेलवे अफसरों और कर्मचारियों के लिए खजाना साबित हो रहा है। आलमबाग स्थित रेलवे के स्टोर से निकलने वाले कबाड़ से आरपीएफ दारोगा और एक रेलकर्मी जमकर मोटी कमाई कर रहे थे। सीबीआई ने दोनों को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपितों को सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया। वहां से उनको सीबीआइ रिमांड पर भेज दिया गया है।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। रेलवे से निकलने वाले कबाड़ को खरीदने वाले ठेकेदारों से रिश्वत मांगने के मामले में सीबीआइ ने गुरुवार देर रात रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के दारोगा और एक रेलकर्मी को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपितों को सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया। वहां से उनको सीबीआइ रिमांड पर भेज दिया गया है।
आलमबाग स्थित रेलवे के स्टोर से निकलने वाले स्क्रैप से आरपीएफ का दारोगा मनोज राय प्रति टन 150 रुपए आरपीएफ शुल्क वसूलता था।
इसके अलावा भंडार में तैनात चीफ डिपो मैटेरियल अधीक्षक अविरल कुमार प्रति ट्रक 8200 रुपये की वसूली करता था। स्क्रैप कारोबारी विशाल ट्रेडर्स के आकाश से भी आरपीएफ दारोगा ने 12,800 रुपये और अविरल ने 8200 रुपये रिश्वत की मांग की थी।
पीड़ित ने इसकी शिकायत सीबीआइ से कर दी थी। सीबीआइ ने गुरुवार देर रात आलमबाग स्टोर से आरपीएफ के दारोगा को नौ हजार रुपये और अविरल को 8200 रुपये की रिश्वत के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार किया। उनको शुक्रवार को सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया। वहीं, दोनों ही आरोपियों के घरों पर सीबीआइ ने छापेमारी की है।
रेलवे का कबाड़ रेलवे अफसरों और कर्मचारियों के लिए खजाना साबित हो रहा है। इससे पहले उप मुख्य सामग्री प्रबंधक आलोक मिश्र को पिछले साल तीन जून को सीबीआइ ने 80 हजार रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार किया था। उसके यहां पड़े छापों में लाखों रुपये बरामद हुए थे। इसके अलावा चारबाग स्थित निर्माण संगठन में तैनात उप मुख्य अभियंता द्वितीय हरीश कुमार को आठ नवंबर को सीबीआइ ने पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।
वहीं, दो साल पहले लोको में आने वाले एक टैंकर डीजल की चोरी के मामले में आरपीएफ ने तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। उत्तर रेलवे लखनऊ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त डा. श्रेयांश चिंचवड़े ने बताया कि दोनों आरोपितों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी हुए हैं।