फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सोनभद्र में इलाहाबाद बैंक की शाखा के तत्कालीन प्रबंधक ने 18 लोगों को नियम विरुद्ध लोन स्वीकृत किया था। बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक एवं दो अन्य लोगों की मृत्यु हो जाने के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी थी। इस मामले में 13 आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है। आरोपियों पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
विधि संवाददाता, लखनऊ। फर्जी दस्तावेज के आधार पर लोन स्वीकृत करने के मामले में 13 आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है। आरोपियों पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह आदेश सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने जारी किया।
जानकारी के मुताबिक, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सोनभद्र में इलाहाबाद बैंक की शाखा के तत्कालीन प्रबंधक ने 18 लोगों को नियम विरुद्ध लोन स्वीकृत किया था। बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक एवं दो अन्य लोगों की मृत्यु हो जाने के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी थी।
इन्हें सुनाई गई सजा
आरोपियों में रामचंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, नागेंद्र सिंह, रामशंकर, फागू प्रसाद, रामजी विश्वकर्मा, रामेश्वर, श्याम नारायण सिंह, राजेश कुमार सिंह, राधे श्याम सिंह, जंग बहादुर सिंह, राजेश कुमार एवं श्याम बहादुर सिंह को दोषी ठहराया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।