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Vinay Pathak Case: कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक के विरुद्ध सीबीआइ जांच आरंभ, भ्रष्टाचार के आरोप

कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक के विरुद्ध सीबीआइ की जांच शुरु हो गई है। सीबीआइ द‍िल्‍ली की टीम लखनऊ आकर जल्‍द ही एसटीएफ से जरूरी दस्‍तावेज लेगी। बता दें क‍ि इस मामले में सीबीआइ मुख्यालय की एंटी करप्शन ब्रांच ने मुकदमा दर्ज किया है।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Tue, 10 Jan 2023 10:39 AM (IST)
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Vinay Pathak Case: विनय पाठक के विरुद्ध सीबीआइ जांच शुरू
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों से घिरे कानपुर स्थित छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक के विरुद्ध सीबीआइ जांच आरंभ हो गई है। केंद्र सरकार के कार्मिक प्रशिक्षण मंत्रालय के सीबीआइ जांच की अधिसूचना जारी करने के साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुकदमा दर्ज कर लिया। यह मुकदमा दिल्ली स्थित सीबीआइ मुख्यालय की एंटी करप्शन-टू ब्रांच ने दर्ज किया है।

सीबीआइ ने लखनऊ के इंदिरानगर थाने में 29 सितंबर, 2022 को विनय पाठक व उनके करीबी फर्म संचालक अजय मिश्रा के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत अन्य धाराओं में दर्ज कराई गई एफआइआर को अपने केस का आधार बनाया है। अब सीबीआइ जांच में भ्रष्टाचार के इस बहुचर्चित मामले की नई कड़ियां खुलकर सामने आएंगे। हालांकि सीबीआइ जांच को विनय पाठक की राह आसान किए जाने का रास्ता माना जा रहा है। राज्य सरकार ने 29 दिसंबर, 2022 को प्रकरण की सीबीआइ जांच कराने की सिफारिश की थी। ईडी भी मामले में जल्द अपना केस दर्ज कर सकता है।

कुलपति विनय पाठक पर कमीशनखोरी के गंभीर आरोप

  • विश्वविद्यालय में प्रिंटिंग का ठेका लेने वाले डेविड मारियो डेनिस ने प्रो.पाठक व उनके करीबी अजय मिश्रा पर कमीशनखोरी के गंभीर आरोप लगाए थे और लखनऊ के इंदिरानगर थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी।
  • एफआइआर के अनुरूप प्रो. विनय पाठक पर आगरा के डा.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर तैनात रहने के दौरान कमीश्नखोरी के गंभीर आरोप हैं।
  • शासन ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच तत्काल स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंप दी थी।
  • एसटीएफ ने सबसे पहले आरोपित अजय मिश्रा को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद दो अन्य आरोपित अजय जैन व संतोष कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे।
  • एसटीएफ ने मामले में विनय पाठक को तीन बार नोटिस देकर बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था लेकिन, वह नहीं पहुंचे।
  • एसटीएफ मामले में आरोपपत्र दाखिल करने की तैयारी थी, तभी अचानक प्रकरण की सीबीआइ जांच कराने का निर्णय हो गया।

सीबीआइ द‍िल्‍ली की टीम लखनऊ आकर टेकरओवर करेगी केस

सीबीआइ ने अधिसूचना जारी होने के बाद सात जनवरी को अपना केस दर्ज कर विवेचना आरंभ कर दी है। माना जा रहा है कि दिल्ली सीबीआइ की टीम जल्द लखनऊ आकर एसटीएफ से अब तक की गई उसकी पड़ताल से जुड़े तथ्यों की जानकारी करेगी। साथ ही जांच से जुड़े दस्तावेजों को भी लेगी। अब सीबीआइ विनय पाठक के आगरा व कानपुर विश्वविद्यालय तथा लखनऊ के एकेटीयू के कार्यकाल के दौरान हुए वित्तीय निर्णयों की सिलसिलेवार पड़ताल करेगी। प्रकरण की सीबीआइ जांच की सिफारिश किए जाने के बाद यह सवाल भी उठा था कि कहीं विनय पाठक जांच एजेंसी बदलवाकर उनके विरुद्ध चल रही पड़ताल की रफ्तार तो कम नहीं कराना चाहते। अब कई सवालों के जवाब सीबीआइ जांच का रुख तय करेगा।

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