आरएसएस पर केंद्र सरकार ने लिया फैसला, मायावती ने कर दिया विरोध, बताया राजनीति से प्रेरित
बसपा प्रमुख मायावती ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने के प्रतिबंध को हटाए जाने के निर्णय का विरोध किया। उन्होंने टरनेट मीडिया एक्स पर किए गए पोस्ट में मायावती ने तुरंत इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। मायावती ने कहा कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित संघ तुष्टीकरण के लिए लिया गया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने के प्रतिबंध को केंद्र सरकार द्वारा हटाए जाने के निर्णय का बसपा प्रमुख मायावती ने विरोध किया है।
मायावती ने इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि आरएसएस और भाजपा के बीच लोकसभा चुनाव के बाद बनी दूरी को कम करने के उद्देश्य से प्रतिबंध हटाया गया है। सोमवार को इंटरनेट मीडिया एक्स पर किए गए पोस्ट में मायावती ने तुरंत इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
तल्खी दूर करने के लिए लिया फैसला
मायावती ने अपने पोस्ट में लिखा है कि सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की शाखाओं में जाने पर 58 वर्ष से जारी प्रतिबंध को हटाने का केंद्र का निर्णय देशहित से परे है। यह राजनीति से प्रेरित संघ तुष्टीकरण का निर्णय, ताकि सरकारी नीतियां व इनके अहंकारी रवैये को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के बीच तीव्र हुई तल्खी दूर हो।एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा कि सरकारी कर्मचारियों को संविधान के दायरे में रहकर निष्पक्षता के साथ जनहित व जनकल्याण में कार्य करना जरूरी होता है, जबकि कई बार प्रतिबंधित रहे आरएसएस की गतिविधियां राजनीतिक ही नहीं बल्कि पार्टी विशेष के लिए चुनावी भी रहीं हैं। यह अनुचित निर्णय तुरंत वापस हो।
बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर लगे बैन को हटाया है, तभी से विपक्ष भाजपा पर हमलावर है।
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