मायावती की बेचैनी बढ़ाने वाली है चंद्रशेखर की जीत, आकाश आनंद की आक्रामकता भी नहीं दिखा पाई असर
चंद्रशेखर ने 512552 मत हासिल किए जबकि बसपा को सिर्फ 13212 वोट मिले। यह स्थिति तब रही जब बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे और पार्टी के तत्कालीन नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद ने छह अप्रैल को अपनी पहली चुनावी सभा नगीना में ही की थी। आकाश ने रैली में चंद्रशेखर आजाद का नाम लिए बिना उसे मसीहा बताकर युवाओं को बरगलाने का आरोप लगाया था।
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। नगीना लोकसभा सीट से आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चंद्रशेखर आजाद की जीत बसपा की बेचैनी बढ़ाने वाली है। पिछले चुनाव में इस सीट पर बसपा का सांसद चुना गया था लेकिन इस बार पार्टी चौथे पायदान पर पहुंच गई।
चंद्रशेखर ने 5,12,552 मत हासिल किए जबकि बसपा को सिर्फ 13,212 वोट मिले। यह स्थिति तब रही जब बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे और पार्टी के तत्कालीन नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद ने छह अप्रैल को अपनी पहली चुनावी सभा नगीना में ही की थी।
बसपा के स्टार प्रचारकों में नंबर दो की हैसियत वाले आकाश ने रैली में चंद्रशेखर आजाद का नाम लिए बिना उसे मसीहा बताकर युवाओं को बरगलाने का आरोप लगाया था। चंद्रशेखर ने जिस तरह से 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल कर जीत दर्ज की है उससे साफ है कि आकाश की आक्रामकता का असर जनसभा में जुटे वंचित समाज पर बिल्कुल नहीं पड़ा।
गौर करने के बात है कि जिस बिजनौर जिले से वर्ष 2008 में नए परिसीमन के बाद नगीना सीट बनी है उसी बिजनौर से सीट से मायावती वर्ष 1989 में सांसद रह चुकी हैं। ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अब बसपा की इस कदर बदतर स्थिति ने पार्टी नेताओं की चिंता बढ़ा रही है। वैसे बसपा ज्यादातर दूसरी सीटों पर भी तीसरे स्थान पर ही रही है।
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