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चंद्रमा के करीब पहुंचा चंद्रयान-3, सतह छूते ही भारत के नाम होगी ये खास उपलब्‍ध‍ि, UP की रितु हैं मिशन न‍िदेशक

Chandrayaan 3 भारत के म‍िशन मून के तहत चंद्रयान-3 तेजी से चंद्रमा की सतह पर उतरने के ल‍िए बढ़ रहा है। चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह छूते ही भारत के नाम एक खास उपलब्‍धि होगी। इस म‍िशन को जो लीड कर रही हैं वो लखनऊ की वैज्ञान‍िक र‍ितु कर‍िधल है। उन्‍हें भारत की रॉकेट वूमन के नाम से जाना जाता है।

By Prabhapunj MishraEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Wed, 16 Aug 2023 01:42 PM (IST)
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Chandrayaan 3: चंद्रयान 3 म‍िशन को लीड करने वाली वैज्ञान‍िक र‍ितु कर‍िधल
लखनऊ, जेएनएन। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया चंद्रयान-3 लगातार अपने टारगेट की ओर आगे बढ़ रहा है। 5 अगस्त को चंद्र कक्षा में प्रवेश करने के बाद स्पेसक्राफ्ट ऑर्बिट में घूम रहा है, जिससे धीरे-धीरे चंद्रमा से इसकी दूरी कम हो रही है। चंद्रयान 3 की चंद्रमा की सतह से यान की अधिकतम दूरी अब सिर्फ 177 किलोमीटर है। इस अभ‍ियान को सफल बनाने के ल‍िए जुटी लखनऊ की रितु करिधल को भारत की 'रॉकेट वुमन' के नाम से जाना जाता है।

चंद्रयान-3 की म‍िशन न‍िदेशक हैं रितु करिधल

  • चंद्रयान-3 मिशन का नेतृत्व कर रही रितु करिधल लखनऊ की रहने वाली हैं।
  • इस मिशन का भारत के लिए बड़ा वैज्ञानिक और सामरिक महत्व है। अगर यह मिशन सफल हो जाता है तो भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जिन्होंने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक मिशन लॉन्च किया है।
  • इसरो के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-3 का नेतृत्व करने वाली रितु करिधल इसरो वैज्ञानिक हैं। वह चंद्रयान 3 मिशन की मिशन निदेशक हैं और इससे पहले वह उप निदेशक के रूप में मंगलयान मिशन का भी हिस्सा थीं।
  • रितु को हमेशा से ही अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि थी। उसे रात के आकाश को देखना पसंद था, और वह इसरो और नासा की किसी भी अंतरिक्ष-संबंधी गतिविधियों के बारे में समाचार पत्रों की कटिंग एकत्र करती थी।

रितु करिधल के एक बेटा और एक बेटी है

रितु करिधल का जन्म 13 अप्रैल 1975 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अविनाश श्रीवास्तव से शादी की है और इस जोड़े के दो बच्चे हैं, आदित्य और अनीशा। करिधल का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था और उनके दो भाई-बहन हैं। उनके माता-पिता हमेशा उन्हें और उनके भाई-बहनों को कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते थे और वह बचपन से ही बहुत अध्ययनशील बच्ची रही हैं।

रितु करिधल की शिक्षा

रितु करिधल ने अपनी स्नातक की पढ़ाई बी.एससी. से की। भौतिक विज्ञान। बाद में, उन्होंने एम.एससी. किया। लखनऊ विश्वविद्यालय में भौतिकी में। उसके बाद, उन्होंने बेंगलुरु के प्रतिष्ठित भारतीय विज्ञान संस्थान में प्रवेश लिया। वह एयरोस्पेस की विशेषज्ञ हैं। बाद में, उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में एक शोध अध्येता के रूप में उसी प्रभाग में पढ़ाया।

रितु करिधल का करियर

रितु करिधल 1997 में इसरो में शामिल हुईं। वह इसरो मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, और वह इसरो के सबसे महत्वपूर्ण सदस्यों में से हैं। रितु उप परिचालन निदेशक थीं और उन्होंने भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन, मंगलयान के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह चंद्रयान-2 की टीम की सदस्य भी थीं। उन्होंने मिशन निदेशक के रूप में चंद्रयान 2 मिशन की देखरेख की और इसके अलावा, वह कई अन्य महत्वपूर्ण मिशनों में शामिल थीं।

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