यूपी में शिक्षकों के ट्रांसफर नियम में बदलाव, अब तीन वर्ष की सेवा पर ही शिक्षकों का हो सकेगा तबादला
उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों के लिए स्थानांतरण नियमों में बदलाव किया गया है। अब तीन साल की सेवा पूरी करने पर स्थानांतरण हो सकेगा पहले यह अवधि पांच साल थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगाई गई। इस निर्णय से प्रदेश के महिला व दिव्यांग शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों का अब न्यूनतम तीन वर्ष की सेवा पूरी करने पर स्थानांतरण हो सकेगा। अभी तक इन कॉलेजों में न्यूनतम पांच वर्ष की सेवा पूरी होने पर ही शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाता था।
सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस महत्वपूर्ण निर्णय पर मुहर लगाई गई। कैबिनेट में कुल 29 प्रस्ताव पेश किए गए और उसमें से 27 प्रस्ताव पास हुए। वक्फ नियमावली व गृह विभाग से संबंधित दो प्रस्ताव पास नहीं हो सके।
स्थानांतरण नियमावली-2024 को मंजूरी
प्रदेश में कुल 306 एडेड डिग्री कॉलेजों में कुल 16,570 अध्यापक पढ़ा रहे हैं। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि उत्तर प्रदेश सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्यापक स्थानांतरण नियमावली-2024 को मंजूरी दी गई है।शिक्षकों को पहले की ही तरह अपने संपूर्ण सेवाकाल में स्थानांतरण की केवल एक बार ही सुविधा दी जाएगी। एक डिग्री कॉलेज से दूसरे डिग्री कॉलेज में एकल या पारस्परिक स्थानांतरण के लिए शिक्षक आवेदन करेगा। विश्वविद्यालय के द्वारा अनुमोदित प्रबंधतंत्र विधि सम्मत रूप से गठित होना चाहिए।
जिस कॉलेज में शिक्षक पढ़ा रहा है और जिस दूसरे कॉलेज में शिक्षक अपना स्थानांतरण चाहता है, उन दोनों ही प्रबंधतंत्रों की लिखित सहमति सहित उच्च शिक्षा निदेशक को प्रस्ताव भेजा जाएगा। यानी दोनों प्रबंधकों की सहमति से ही स्थानांतरण के लिए प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा।
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