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सस्ती बाइक… फाइनेंस और फर्जी दस्तावेज, छह युवकों ने मिलकर कर डाला करोड़ों का फर्जीवाड़ा

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एसटीएफ ने एक जालसाज गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सरगना समेत छह सदस्यों को एसटीएफ की टीम ने शुक्रवार रात गिरफ्तार किया। डिप्टी एसपी एसटीएफ दीपक कुमार ने बताया कि आरोपी फाइनेंस कराकर फर्जीवाड़ा करते थे। आरोपियों के पास से 20 वाहन बरामद किए गए हैं।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sat, 27 Jul 2024 01:28 AM (IST)
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वाहनों के फाइनेंस में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गिरफ्तार।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। दो पहिया वाहनों के फाइनेंस में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सरगना समेत छह सदस्यों को एसटीएफ की टीम ने शुक्रवार रात गिरफ्तार किया। जालसाजों के पास से 20 दो पहिया वाहन भी बरामद हुए हैं।

इस तरह करते थे जालसाजी

डिप्टी एसपी एसटीएफ दीपक कुमार के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों में राजाजीपुरम का आकिब खान, फैजुल्लागंज का अभिषेक सिंह, दुबग्गा का मो. इब्राहिम, बाजारखाला दरियापुर का जुनैद खान, मौलवीगंज का अब्दुल दानिश, मो. उस्मान है। 

जालसाजों के पास से 10 बुलेट, सात स्कूटी और तीन बाइक, छह मोबाइल और 9570 रुपये बरामद हुए हैं। इंदिरानगर से सभी को पकड़ा गया है। यह लोग बेरोजगार और ग्रामीण इलाकों के कम पढ़े लिखे लोगों को रुपयों का लालच देकर उनके मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज ले लेते थे। 

इसके बाद फाइनेंसर और सर्वेयर से मिलकर आधार कार्ड, पैन कार्ड का पता बदल कर उसे फर्जी पते पर तैयार करते थे। इसके बाद ऐसे लोगों को तलाशते थे जिन्हें कम रुपयों में गाड़ी की जरूरत होती थी। 

फिर जालसाज वाहन की कीमत का आधा रुपया जरूरतमंद से लेते थे। फर्जी पहचानपत्र, मोबाइल नंबर का प्रयोग कर बैंक में लोन के लिए आवेदन करते। बैंक के फाइनेंसर और सर्वेयर बिना नाम पते के वेरिफिकेशन के सत्यापित कर देते थे। इससे लोन पास हो जाता था। 

वाहन लेकर जरूरतमंद को दे देते थे। बैंक में किस्त जमा नहीं करते थे। बैंक की किस्त डिफाल्टर और धनराशि एनपीए हो जाती थी। फर्जी नाम, पते के कारण बैंक द्वारा रिकवरी भी नहीं हो पाती थी।

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