मुख्यमंत्री योगी ने की जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा, कहा- किसी भी परिवार को न हो पेयजल की समस्या
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत विंध्य-बुंदेलखंड क्षेत्र में घरों तक पाइप से पेयजल पहुंचाने के बचे हुए काम को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन से 100 प्रतिशत संतृप्त गांवों में हर एक घर का पारदर्शिता के साथ सत्यापन होना चाहिए क्योंकि प्रत्येक उपभोक्ता की संतुष्टि आवश्यक है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत विंध्य-बुंदेलखंड क्षेत्र में घरों तक पाइप से पेयजल पहुंचाने के बचे हुए काम को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन से 100 प्रतिशत संतृप्त गांवों में हर एक घर का पारदर्शिता के साथ सत्यापन होना चाहिए क्योंकि प्रत्येक उपभोक्ता की संतुष्टि आवश्यक है।
सीएम ने कहा कि हमें स्थलीय निरीक्षण की व्यवस्था को और अधिक मजबूत करना होगा। हर गांव में प्रशिक्षित प्लंबर की तैनाती की जाए। गर्मी का मौसम शुरू हो रहा है। इसलिए विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक प्रबंध किए जाएं। गर्मी में किसी भी परिवार को एक भी दिन पेयजल की समस्या नहीं होनी चाहिए।
वह मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर प्रदेश में जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के 2.65 करोड़ ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का अभियान चल रहा है। जल जीवन मिशन शुरू होने से पहले मात्र 5.16 लाख परिवारों को ही नल से शुद्ध पेयजल मिल रहा था। प्रदेश सरकार के लगातार प्रयास से अब 2.12 करोड़ से अधिक परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का सपना साकार हुआ है।
उन्होंने कहा कि झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, बांदा, चित्रकूट, मीरजापुर, सोनभद्र सहित पूरे बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में जल जीवन मिशन का कार्य आखिरी चरण में प्रवेश कर चुका है। शेष घरों को भी पाइप्ड पेयजल की सुविधा समयबद्ध तरीके से उपलब्ध करायी जाए। हर घर नल से जल पहुंचाने की यह योजना जीवन को सुगम बनाने के संकल्प को पूरा होने का सबसे बड़ा उदाहरण है। अतिशीघ्र विंध्य और बुंदेलखंड के हर घर में नल से जल की सुविधा उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल परियोजना के कारण जगह-जगह रोड की खुदाई हुई है। कार्यदायी संस्था की यह जिम्मेदारी है कि काम खत्म होने के साथ ही सड़क की मरम्मत हो जाए। उन्होंने पेयजल परियोजना के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों के लिए जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया।
यह भी कहा कि नुक्कड़ नाटकों/लघु फिल्मों के माध्यम से लोगों को जल के महत्व तथा भूजल संवर्धन के बारे में जागरूक किया जाए। जल संचय के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। इस काम में पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए तथा जल समितियों को सक्रिय रखा जाए।
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