यूपी में अब पूरी बांह की शर्ट-पैंट पहनकर स्कूल आएंगे बच्चे, बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिए गए ये निर्देश
यूपी के स्कूलों में अब बच्चे पूरी बांह की शर्ट व पैंट पहनकर स्कूल आएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से एडवाइजरी जारी होने के बाद शनिवार को बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से सभी बीएसए को इन निर्देशों का सख्ती से पालन कराने के आदेश दिए गए हैं। इसके तहत स्कूलों के आसपास भी वेक्टर जनित रोगों से लोगों को जागरूक किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्राथमिक स्कूलों व उच्च प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों को डेंगू व मलेरिया से बचाने के लिए उन्हें पूरी बांह की शर्ट व पैंट पहनकर आना होगा। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश दिए गए हैं कि वह डेंगू व मलेरिया सहित अन्य संचारी रोगों से छात्रों को बचाने के लिए उन्हें जागरूक किया जाए और बचाव के सभी जरूरी उपाय किए जाएं।
विद्यालयों के आसपास किसी भी कीमत पर जल जमाव न हो इसके लिए नगर विकास व पंचायतीराज विभाग से मदद ली जाए। कुल 1.34 लाख सरकारी प्राथमिक स्कूलों व उच्च प्राथमिक स्कूलों में कुल 1.87 करोड़ विद्यार्थी पढ़ते हैं। शिक्षक इस व्यवस्था का सख्ती से पालन कराएंगे। अभी बीते महीने ही सभी अभिभावकों के खाते में स्कूली ड्रेस, जूता-मोजा व बस्ता इत्यादि खरीदने के लिए 1,200 रुपये भेजे गए हैं। ऐसे में प्रत्येक अभिभावक से संपर्क कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विद्यार्थी फुल यूनिफार्म में आए।
मंत्रालय की ओर से एडवाइजरी जारी
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से एडवाइजरी जारी होने के बाद शनिवार को बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से सभी बीएसए को इन निर्देशों का सख्ती से पालन कराने के आदेश दिए गए हैं। इसके तहत स्कूलों के आसपास भी वेक्टर जनित रोगों से लोगों को जागरूक किया जाएगा।छात्र-छात्राओं को रोगों से बचाव के लिए पर्यावरणीय एवं व्यक्तिगत स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने को प्रेरित किया जाएगा। दिमागी बुखार व अन्य वेक्टर जनित रोगों व जलजनित रोगों से बचाव संबंधित प्रचार-प्रसार सामग्री स्कूलों में प्रमुख स्थलों पर प्रदर्शित की जाए। जागरूकता कार्यक्रम में विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों की भी सहभागिता हो।
स्कूलों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें और जल जमाव न होने दें। किसी भी विद्यार्थी के बीमार होने पर तत्काल उसका उपचार पास के सरकारी अस्पताल में कराएं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के चिकित्सकों के मोबाइल नंबर अध्यापक के पास रहें ताकि वह ज्यादा छात्राें के बुखार इत्यादि से पीड़ित होने पर डाक्टरों की टीम स्कूल बुला सकें।
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