CM Fellowship Scheme : आइआइटी के भी छात्र-छात्राएं मुख्यमंत्री फेलोशिप स्कीम का लाभ लेने को आतुर
UP CM Fellowship Scheme मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना को प्रदेश में जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है। सीएम योगी आदित्यनाथ की इस महत्वाकांक्षी योजाना से जुड़ने के लिए कुल 26684 शोधार्थियों ने आवेदन किया है। उसमें बड़ी संख्या में शोधार्थी शामिल हैं।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sat, 27 Aug 2022 09:22 PM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। UP CM Fellowship Scheme: उत्तर प्रदेश में युवा का हुनर निखारने में योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) काफी मजबूत कदम बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना का लाभ लेने आइआइटी (IIT) के छात्र-छात्राएं भी आगे आ रहे हैं। इसके साथ ही सरकार भी युवा रिसर्च स्कॉलर के अनुभव, उनके जोश और नए-नए विचारों का लाभ लेने को आतुर है।
मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना को प्रदेश में जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है। सीएम योगी आदित्यनाथ की इस महत्वाकांक्षी योजाना से जुडऩे के लिए कुल 26,684 शोधार्थियों ने आवेदन किया है। उसमें इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (आइआइटी) और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (एनआइटी) के भी बड़ी संख्या में शोधार्थी शामिल हैं।
वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों की कमेटी 26,684 आवेदकों में से 400 आवेदकों को साक्षात्कार के लिए चुनेगी। आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों से 500 शब्दों का एक लेख लिखवाया गया है, जिसमें वह यह बताएंगे कि उनका गांव के लिए एक्शन प्लान क्या है। एमटेक व एमआर्क करने के बाद पीएचडी कर रहे तमाम अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इन्हें एक वर्ष की अवधि के लिए रखा जाएगा। जिलाधिकारी व खंड विकास अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार अगर यह शोधार्थी बेहतर काम कर रहे होंगे तो एक वर्ष का उन्हें और विस्तार किया जाएगा।
आवेदन के नियम व शर्तआवेदन के लिए नियम व शर्तों के मुताबिक आवेदकों को 500 शब्दों का एक कवर लेटर भी अपलोड करना था। इसमें उन्हें अपना उद्देश्य बताना था कि वो कैसे ग्रामीण इलाकों में कार्यप्रणाली को बेहतर कर सकते हैं और सरकार के कार्यों को प्रभावी तरीके से लागू करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। आइआइटी और एनआइटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र-छात्राएं भी इस योजना के माध्यम से सरकार के साथ जुड़कर विकास खंड स्तर पर काम करना चाहते हैं। फिलहाल तो बड़ी संख्या में इन संस्थानों के शोधार्थियों ने भी मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना में आवेदन किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में युवाओं के लिए इस योजना की शुरुआत की थी, जिसमें आवेदन की आखिरी तिथि 24 अगस्त रखी गई थी। इसके लिए सरकार के नियोजन विभाग की ओर से अलग से एक वेबसाइट का लिंक भी साझा किया गया था, जिसके जरिए युवा शोधार्थियों ने सरकार की योजना से जुडऩे के लिए आवेदन किया है।
300-400 लोगों का दूसरे चरण के लिए होगा चयननियोजन विभाग के सचिव आलोक कुमार के अनुसार, मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत कुल 26 हजार 684 शोधार्थियों के आवेदन मिले हैं। वरिष्ठ अधिकारियों की टीम आवेदनों को छंटनी कर रही है। छंटनी के दौरान 300 से 400 के बीच शोधार्थियों का चयन किया जाएगा, जिन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। इनमें से सौ लोगों को अंतिम रूप से चयनित किया जाएगा। इनका कार्यकाल एक वर्ष का होगा। जिन लोगों के आवेदन नियोजन विभाग को प्राप्त हुए हैं उनमें बड़ी संख्या में पीएचडी, एमटेक और एम-आर्क जैसी उच्च योग्यता हासिल कर चुके शोधार्थी भी शामिल हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों के कार्यों को मिलेगा बढ़ावाउत्तर प्रदेश सरकार ने बीते दिनों ही मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना को मंजूरी प्रदान की है। इसके तहत ऐसे युवा नियुक्त होंगे जो कि अपनी फेलोशिप में रिसर्च भी करें और आकांक्षी विकासखंड ब्लॉक के लिए कार्यरत भी रहें। इस योजना के माध्यम से उन सौ रिसर्च स्कॉलर को चुना जाएगा, जोकि ग्रामीण क्षेत्रों के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ा सकें। इसके साथ ही कई ऐसे सुझाव भी प्रदान कर सकें जिससे डाटा कलेक्शन निगरानी और योजनाओं के संचालन में आने वाली चुनौतियों को व्यवस्थित रूप से निपटाया जा सके।
शोधार्थियों को मिलेंगे यह लाभउत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत युवा अभ्यर्थियों को प्रतिमाह 30,000 रुपए मिलेंगे। जिसकी मदद से वह अपने फेलोशिप रिसर्च को भी पूरा कर सकेंगे और इसके साथ ही साथ उन्हें दस हजार रुपए टूर प्रोग्राम और 15 हजार रुपए मोबाइल, टैबलेट की खरीदने के लिए भी दिया जाएगा। जो युवा इस योजना के अंतर्गत नियुक्त होंगे उन्हें एक वर्ष तक इस योजना में जोड़ा जाएगा। इस दौरान उनके कार्य सराहना यदि जिलाधिकारी या फिर विकास खंड अधिकारी करते हैं तो उनकी कार्य अवधि को एक वर्ष के लिए और बढ़ा भी दिया जाएगा।
इन विभागों में कार्य करने का मिलेगा अवसर
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