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मानव अंग तस्‍करी : लखनऊ के दो मेड‍िकल कॉलेजों की होगी जांच, सीएम योगी ने द‍िए आदेश

मोहनलाल सांसद कौशल किशोर से परिवारजन ने शिकायत की। ऐसे में सांसद ने मरीज के इलाज में लापरवाही के साथ-साथ मानवअंग तस्करी की आशंका का हवाला देकर एरा व इंटीग्रल मेडिकल कॉलेजों की जांच के लिए पत्र लिखा।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Thu, 26 Nov 2020 02:19 PM (IST)
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शहर के एरा मेडिकल व इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज के खिलाफ परिवारजनों ने की शिकायत।
लखनऊ, जेएनएन। शहर के दो मेडिकल कॉलेजों पर सनसनीखेज आरोप लगे हैं। इलाज में लापरवाही के साथ-साथ मानव अंग तस्करी की शिकायत देख शासन भी हरकत में आ गया। लिहाजा, मुख्यमंत्री ने कोविड मरीज संग हुई घटना की जांच के आदेश दिए हैं। 

चिनहट के पक्का तालाब निवासी शिव प्रकाश पांडेय का बेटा आदर्श कमल पांडेय (27) 11 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव हो गया। शिवप्रकाश के मुताबिक 15 सितंबर को आदर्श कमल पांडेय को इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। यहां भर्ती आदर्श ने बहन को वाट्सएप पर मैसेज किए। उसने भर्ती मरीजों के साथ गलत काम होने की दास्तां बयां की। साथ ही मरीजों के अंग निकालने की आशंका जताई। वह इन मरीजों का गवाह बनना चाहता था। आरोप है कि इसके बाद आदर्श कमल को सामान्य वार्ड से आइसीयू में पहुंचा दिया गया। घबराए आदर्श कमल ने 22 सितंबर को बहन से तत्काल अस्पताल से निकालने का हवाला दिया। देर होने पर उसने मार डालने की बात कही।

ऐसे में परिवारजनों ने अफसरों को फोन कर रात करीब12 बजे आदर्श कमल को एरा मेडिकल कॉलेज रेफर कराया। आरोप है पहले मेडिकल कॉलेज से एरा के स्टाफ को फोन कर दिया गया। साजिश के तहत युवक की तबीयत और बिगाड़ दी गई। स्‍थ‍िति यह है कि‍ 26 सितंबर को घर वालों को पहले मरीज ठीक बताया गया। वहीं 15 मिनट बाद दोबारा फोन कर आदर्श की मौत की सूचना दी गई। परिवारजनों ने मेडिकल कॉलेज पर आदर्श कमल को मार डालने का आराेप लगाया।

मंत्री-सांसद ने लिखा था पत्र

मोहनलाल सांसद कौशल किशोर से परिवारजन ने शिकायत की। ऐसे में सांसद ने मरीज के इलाज में लापरवाही के साथ-साथ मानवअंग तस्करी की आशंका का हवाला देकर एरा व इंटीग्रल मेडिकल कॉलेजों की जांच के लिए पत्र लिखा। इसके साथ ही कानून मंत्री बृजेश पाठक ने भी परिवारजनों की शिकायत को गंभीरता से लेते ही अफसरों को सीएम को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा। ऐसे में अब सीएम ने टीम गठित कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पीड़ित के चाचा जेपी पांडेय ने भी मानव अंग निकालने के आरोप लगाए। साथ ही जांच कमेटी को मरीज की घटना से संबंधित साक्ष्य मुहैया कराने का दावा किया।

'एरा व इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज चिकित्सा शिक्षा विभाग के हैं। यह हमारे अधीन नहीं हैं। लिहाजा, शिकायत को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक को भेज दी गई है। वहीं से जांच कराई जाएगी।'  -डॉ. संजय भटनागर-सीएमओ

परिवारजनों के आरोप झूठे

एरा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एमएमए फरीदी ने कहा कि कोविड में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। अभी बेहतर सेवाओं के लिए एरा को सम्मानित भी किया गया। परिवारजनों के आरोप झुूठे हैं। युवक के इलाज से जुड़े सभी दस्तावेज विभागीय अफसरों को दिए जा चुके हैं। अंग निकालना व इलाज में लापरवाही के आरोप बेबुनियाद हैं। वहीं इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एमएन सिद्दीकी ने अंग निकालने के आरोप को फर्जी बताया। साथ ही इलाज में लापरवाही को भी बेबुनियाद बताया।

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