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अश्लीलता परोसने वाली भोजपुरी फिल्मों पर नकेल कसेगी यूपी सरकार, अब नहीं दिया जाएगा अनुदान

भोजपुरी फिल्मों और गानों में बढ़ती अश्लीलता पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव के प्रस्ताव पर सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि अश्लीलता परोसने वाली भोजपुरी फिल्मों को सरकार द्वारा अनुदान नहीं दिया जाएगा।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Fri, 09 Jul 2021 12:18 AM (IST)
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भोजपुरी फिल्मों और गानों में बढ़ती अश्लीलता पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने चिंता जताई है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। भोजपुरी फिल्मों और गानों में बढ़ती अश्लीलता पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिंता जताते हुए सख्त निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव के प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि अश्लीलता परोसने वाली भोजपुरी फिल्मों को सरकार द्वारा अनुदान नहीं दिया जाएगा।

फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। फिल्म सिटी की स्थापना के लिए चल रही प्रक्रिया की जानकारी दी। साथ ही कहा कि भोजपुरी भाषा में बनने वाली फिल्मों और गानों में अश्लीलता बढ़ रही है। इससे हमारी संस्कृति और समाज पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत बताई। इस पर योगी ने कहा कि जो फिल्में और गाने अश्लीलता को बढ़ावा देते हैं, उन फिल्मों पर सरकार की तरफ से दिए जाने वाले अनुदान पर तत्काल रोक लगा दी जाए।

राजू श्रीवास्तव ने सीएम योगी आदित्यनाथ को बताया कि जिन 62 फिल्मों की स्क्रिप्ट का परीक्षण किया गया है, उनमें से कुछ फिल्मों की स्क्रिप्ट पर इसलिए रोक लगा दी गई, क्योंकि यह फिल्में अश्लीलता और अनैतिकता बढ़ाने वालीं हैं, साथ ही सरकार द्वारा बनाई गई फिल्म नीति के निर्धारित मानकों पर खरी नहीं उतरतीं। कुछ फिल्मों की स्क्रिप्ट को पुनर्विचार के लिए समिति के सदस्यों के पास दोबारा भेज दिया गया है, ताकि उसका गहन अध्ययन किया जा सके।

सेंसर बोर्ड की तरह बनेगी स्क्रीनिंग कमेटी : राजू श्रीवास्तव ने बताया कि अश्लील दृश्यों वाली फिल्में भी सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र पा जाती हैं। ऐसे में तय किया गया है कि भले ही सेंसर बोर्ड का प्रमाण पत्र मिल गया हो, लेकिन अनुदान सरकार से चाहिए तो सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा। इसकी निगरानी और परीक्षण के लिए सेंसर बोर्ड की तरह ही प्रदेश में भी स्क्रीनिंग कमेटी बनाई जाएगी।

वेब सीरीज को सब्सिडी पर भी विचार : कोरोना काल के बाद वेब सीरीज का प्रचलन और तेजी से बढ़ा है। इसे देखते हुए राजू श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि वेब सीरीज और टीवी सीरियल को भी फिल्मों की तरह सब्सिडी के दायरे में लाना चाहिए। इस पर सीएम योगी ने कहा कि इन्हें भी कुछ शर्तों के साथ अनुदान देने पर सरकार विचार कर रही है। चूंकि, वेब सीरीज में भी कई आपत्तिजनक दृश्य होते हैं, इसलिए इन पर लगाम की कोई व्यवस्था तय की जाएगी।

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