यूपी में मिलावटखोरों पर कसेगा शिकंजा, CM योगी ने कहा- सेहत के साथ खिलवाड़ करने वालों पर की जाए सख्त कार्रवाई
उत्तर प्रदेश में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने व नकली दवाएं बनाने वालों पर अब और शिकंजा कसा जा सकेगा। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग जांच में तीन गुणा की बढ़ोतरी करने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। खाद्य पदार्थों में मिलावट करने व नकली दवाएं बनाने वालों पर अब और शिकंजा कसा जा सकेगा। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग जांच में तीन गुणा की बढ़ोतरी करने जा रहा है। 12 मंडलों में नई प्रयोगशालाएं बनाई जा रही हैं और इनके शुरू होते ही दवाओं व खाद्य पदार्थों के प्रति वर्ष 1.08 लाख नमूने जांचे जा सकेंगे। अभी प्रतिवर्ष 30 हजार नमूने जांचे जाने की व्यवस्था है। इन नई प्रयोगशालाओं के बनने से प्रत्येक मंडल में एक प्रयोगशाला होगी।
प्रदेश में अभी लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, आगरा, गोरखपुर और झांसी में एक-एक प्रयोगशाला है। बाकी 12 मंडलों में अभी प्रयोगशाला नहीं है। ऐसे में जांच के लिए जिलों से खाद्य निरीक्षकों व औषधि निरीक्षकों द्वारा भेजे जाने वाले नमूनों की जांच में समय लगता है। कई बार खाद्य पदार्थों के नमूने जांच में देरी की वजह से खराब भी हो जाते हैं। अब ऐसा नहीं होगा और जांच का दायरा बढ़ने से मिलावटखोरों की मुश्किलें बढ़ेंगी।
सीएम योगी ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। ऐसे में अब अधिक संख्या में नमूनों की जांच होने से मिलावट का धंधा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी। मार्च 2025 में जिन 12 मंडलीय प्रयोगशालाओं को शुरू किया जाएगा उनमें अलीगढ़, आजमगढ़, कानपुर, चित्रकूट, देवीपाटन, अयोध्या, बस्ती, बरेली, मुरादाबाद, विंध्याचल, प्रयागराज और सहारनपुर शामिल हैं। हर मंडल में एक प्रयोगशाला होने से नमूनों की जांच संबंधित मंडल में ही हो सकेगी। इससे समय बचेगा और जांच भी जल्दी होगी।माफिया की 4,057 करोड़ की संपत्ति जब्त : योगी
पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपराध के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति के तहत प्रदेश में माफिया व अपराधियों के विरुद्ध निरंतर कार्रवाई की जा रही है। अपराधियों में कानून का भय पैदा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसके दृष्टिगत पुलिस के मनोबल, कार्यकुशलता और व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए मार्च 2017 से अब तक गैंगस्टर एक्ट के तहत 77,811 आरोपितों को व राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत 923 आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। माफिया के विरुद्ध दर्ज 68 मुकदमों में प्रभावी पैरवी कर 31 माफिया व उनके 66 सहयोगियों को सजा सुनिश्चित कराई गई। इनमें दो को फांसी की सजा हुई। माफिया व अपराधियों की काली कमाई में 4,057 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त/ध्वस्त व अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई। पुलिस विभाग में विभिन्न पदों पर 1.54 लाख कर्मियों की भर्ती हुई जिनमें 22 हजार से अधिक महिला पुलिसकर्मी शामिल हैं। विभिन्न अराजपत्रित पदों पर 1.41 लाख से अधिक कर्मियों को पदोन्नति दी गई।
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