Initiative of UP Government: बच्चों के बाद कोरोना काल में निराश्रित हुई महिलाओं का भी सहारा बनेगी सरकार : योगी आदित्यनाथ
Big Initiative of UP Government 4050 बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते में चार हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से तीन माह का 12-12 हजार रुपये भेजे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि योजनाओं में जन सहभागिता को शामिल किया जाना चाहिए।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Thu, 22 Jul 2021 08:40 PM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण काल में अनाथ होने वाले बच्चों का भविष्य संवारने को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार को बड़ा कदम आगे बढ़ाया है। इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर कोरोना काल में निराश्रित हुई प्रदेश की महिलाओं का भी सहारा बनने की घोषणा की।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में गुरुवार को कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारंभ किया। इस मौके पर 4050 बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते में चार हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से तीन माह का 12-12 हजार रुपये भेजे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि योजनाओं में जन सहभागिता को शामिल किया जाना चाहिए। इससे योजनाओं के परिणाम अच्छे मिलते हैं। उन्होंने कहा कि निराश्रित बच्चों को गोद लेकर उन्हेंं घर का माहौल देना चाहिए।
निराश्रित हुई महिलाओं का भी सहारा बनने जा रही सरकार
प्रदेश की योगी सरकार अब कोरोना काल में निराश्रित हुई महिलाओं का भी सहारा बनने जा रही है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं मार्च 2020 के बाद निराश्रित हुई हैं उनके लिए सरकार जल्द नई योजना लाने जा रही है। इन्हेंं अन्य सरकारी योजनाओं का भी लाभ दिया जाएगा। प्रदेश सरकार के रहते कोई भी अपने आपको अनाथ व निराश्रित महसूस नहीं करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के अलावा दूसरी बीमारियों से भी जो बच्चे अनाथ हुए हैं उन्हेंं भी योजना में शामिल किया जाएगा।
लोक भवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले चरण में प्रदेश भर से 4050 बच्चों को आर्थिक सहायता दी। इतना ही नहीं, इनके शिक्षा के साथ ही सुरक्षा का भी व्यापक इंतजाम के लिए प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना तैयार की है। इस योजना के निराश्रित बच्चों के भरण पोषण, शिक्षा व सुरक्षा का जिम्मा सरकार उठाएगी। आज इसका आगाज हो गया। 18 वर्ष तक की आयु के निराश्रित बच्चों के अभिभावकों को चार-चार हजार रुपए की पहली तीन किस्त प्रदान की गई। लखनऊ के साथ ही सभी 75 जिलों में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया गया। सभी जिलों में इस योजना से जुड़े आयोजन सम्पन्न हो गए हैं।
लोकभवन में इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सभी जानते हैं पूरी दुनिया बीते 17 महीने से इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना से जूझ रही है। इस दौरान प्रदेश में जो आंकड़े सामने आए उनमें कोरोना वायरस के कारण मार्च 2020 सेअब तक 240 बच्चे ऐसे थे जिन्होंने माता-पिता दोनों को कोरोना के कारण खोया है। इनमें 3,810 बच्चों ने माता, पिता या लीगल गाॢजयन को खोया है। शासन ने कुल 4050 बच्चे चिन्हित किए हैं। इनको आज लाभान्वित किया गया है। ऐसे बच्चे जिनके माता, पिता या लीगल गाॢजयन नहीं हैं तो उन्हेंं बाल संरक्षण गृह में रखा गया है। इसके बाद इनको हर कमिश्नरी मुख्यालय में हमारे 18 अटल आवासीय विद्यालय में रखा जाएगा। यहां हम प्रदेश के उन सभी बच्चों को लेकर आने वाले हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम आज पहले तीन महीने का मानदेय यानी हर बच्चे को 12-12 हजार रुपये हर माह उपलब्ध करा रहे हैं। आठ वर्ष की उम्र तक राज्य सरकार उनके लालन-पालन की व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतना ही नहीं, मार्च 2020 के बाद भी अगर कोई महिला निराश्रित हुई है और पति या अपने लीगल गाॢजयन को खो दी है तो उस महिला को भी हम एक नई स्कीम के साथ जोड़कर शासन की योजनाओं से आच्छादित कर सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार एक नई स्कीम लेकर आने वाली है।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत इस सदी की सबसे बड़ी महामारी के खिलाफ पूरी प्रतिबद्धता के साथ सफलतापूर्वक मुकाबला कर रहा है, लेकिन महामारी से बचाव के तमाम उपाय व उपचार के बावजूद बहुत से लोगों को अपने प्रियजनों को खोना पड़ा है। हम सब जानते हैं कि पूरी दुनिया पिछले 16-17 महीनों से इस सदी की सबसे बड़ी महामारी से जूझ रही है। कोरोना महामारी से बचाव के संबंध में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने समय-समय पर अपने संबोधन के माध्यम से मार्गदर्शन दिया है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय युवा लड़कियों की शिक्षा का ख्याल रखेगा। शादी की उम्र में लड़कियों को राज्य सरकार से एक लाख एक हजार रुपया मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी कारण निराश्रित हुए बच्चों के लिए प्रदेश के 18 कमिश्नरी में अटल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन हैं। बच्चों की देखभाल के साथ उनको अत्याधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराने व उनकी स्किल डेवलपमेंट को तेज करने के लिए 18 अटल आवासीय विद्यालय प्रारंभ करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने खासतौर से उन बच्चों के लिए स्कीम लागू करने को कहा जिन्होंने कोरोना कालखंड में अपने माता-पिता या लीगल अभिभावक को खोया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से प्रभावित बच्चों के सहयोग व सशक्तीकरण के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना की घोषणा की है। इस बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश शीघ्र आने वाले हैं। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन के सहयोग से भी हम बच्चों को आच्छादित करने की कार्ययोजना को आगे बढ़ा पाएंगे। उन्होंने कहा कि निराश्रित बालिकाएं जो शादी योग्य हो चुकी हैं, उन्हेंं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अपनी निधि से शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपए उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मार्च, 2020 में प्रदेश में कोरोना का पहला मरीज सामने आया था, तब हमारे पास टेस्ट की क्षमता नहीं थी, हमें जांच के लिए सैंपल पुणे भेजना पड़ा था। आज यही उत्तर प्रदेश चार लाख टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता रखता है। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया। लैब बनाई गईं हैं। आज चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के पास 1.50 लाख से अधिक बेड्स हैं। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में ही पीएम मोदी ने कई लोगों के लिए मुफ्त राशन, सिलेंडर आदि सहित कई योजनाओं की घोषणा की थी। इसके बाद दूसरी लहर में हर परिवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सुविधाएं मिलीं। स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को भी बढ़ाया गया।
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