'सभी धर्मों का सम्मान... लेकिन हिंदू पर्वों में खलल डालने वालों से सख्ती से निपटेंगे', वाराणसी में गरजे सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में दुर्गा पूजा के अवसर पर कहा कि सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन हिंदू त्योहारों में खलल डालने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म अहिंसा पर जोर देता है लेकिन धर्म और निर्दोषों की रक्षा के लिए हिंसा भी जायज है। सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी काशी दौरे की तैयारियों की भी समीक्षा की।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत बड़ी ताकत बनकर उभरा है। आर्थिक क्षेत्र में हम समृद्ध हो ही रहे हैं, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक दृष्टि से जो समृद्ध विरासत हमारे पास है, उसके संरक्षण के लिए मिलकर काम करना होगा।
कुछ लोग सनातन धर्म के देवी-देवताओं, योगियों, संन्यासियों और भारत राष्ट्र के मानबिंदुओं के प्रति अपशब्दों का प्रयोग करना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं। उनके विरुद्ध यदि कोई कुछ बोल दे तो जमीन-आसमान एक कर कर देते हैं।
खलल डालने वालों पर होगी कार्रवाई
कानून के शासन में सभी धर्मों, संप्रदायों और मतों की धार्मिक मान्यताओं और भावनाओं का सम्मान है, लेकिन कोई हिंदू त्योहारों के अवसर पर खलल डालेगा और कानून हाथ में लेने की कोशिश करेगा, तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा।सोमवार को दो दिवसीय काशी दौरे पर आए मुख्यमंत्री सिगरा स्थित भारत सेवाश्रम संघ के आश्रम में आयोजित दुर्गा पूजा के अवसर पर 100 गरीब महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित कीं।
कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म स्पष्ट रूप से कहता है- ‘अहिंसा परमो धर्म:।’ यह एक पक्ष है, लेकिन दूसरा पक्ष कहता है कि धर्म व निर्दोष की रक्षा के लिए हिंसा करनी पड़े तो वह परम धर्म है। भारत सेवाश्रम संघ के संस्थापक स्वामी प्रणवानंद एक सिद्ध और राष्ट्रवादी संत थे।
उन्होंने अपने संन्यासियों व स्वयंसेवकों को धर्म रक्षा और सेवा की सीख दी थी। स्वामी प्रणवानंद ने 1912 में गुरु गोरक्षनाथ पीठ, गोरखपुर में योगी गंभीरानंद से दीक्षा ली थी और सेवा व धर्म रक्षा के कार्य में जुट गए थे। वह कक्ष छह के छात्र थे, जब स्वप्न में गुरुजी से प्रेरणा पाकर आज के बांग्लादेश से पैदल ही चलकर गोरखपुर पहुंचे थे। दीक्षा लेने के बाद उन्होंने बंगाल में सेवा कार्य आरंभ किया।
आज पूरे देश में मां दुर्गा की पूजा का उल्लास है, किंतु स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद जैसे संन्यासियों, सर जगदीश चंद्र बसु जैसे महान विज्ञानी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे वीर क्रांतिकारी देने वाली बंगाल की भूमि पर आज सनातन धर्म असहाय है। वहां लोग मां दुर्गा की उपासना भी विपरीत परिस्थितियों में कर रहे हैं, यह चिंतन का विषय है।
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