रामगोपाल यादव की राम मंदिर पर की गई टिप्पणी से गरमाई UP की सियासत, CM योगी ने की तीखी आलोचना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को चुनाव प्रचार में निकलने से पहले अपने आवास पर मीडिया से बातचीत की। इस दौरान यूपी सीएम ने कांग्रेस सपा राजद समेत इंडी गठबंधन के तमाम दलों पर निशाना साधा। सपा नेता रामगोपाल यादव और राजद प्रमुख लालू यादव के बयानों पर भी उन्होंने खूब लताड़ा। सीएम योगी ने कहा जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखि तिन तैसी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) नेता राम गोपाल यादव के अयोध्या में राम मंदिर को लेकर किए गए टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया है। सपा नेता के इस तरह की टिप्पणी की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीखी आलोचना की है।
सपा नेता से यह पूछे जाने कि विपक्षी नेता अयोध्या में राम मंदिर क्यों नहीं गए। यादव ने कहा था कि रोज राम का दर्शन करते हैं। अयोध्या मंदिर जाने के बारे में एक अन्य प्रश्न पर उन्होंने कहा कि 'वह मंदिर बेकार का है'।
रामगोपाल ने कहा कि क्या मंदिर ऐसे ही बनाए जाते हैं? पुराने मंदिरों को देखें... वे दक्षिण से उत्तर की ओर इस तरह नहीं बनाए जाते हैं। वहीं मंदिर का नक्शा उचित नहीं है और ना ही 'वास्तु' के अनुरूप है।
सपा ने नेता के मंदिर को लेकर की गई इस तरह की टिप्पणी पर सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि यादव का बयान सपा, कांग्रेस और उनके इंडिया ब्लॉक सहयोगियों की वास्तविकता को दर्शाता है।
सपा नेता के बयान पर यूपी सीएम ने खूब लताड़ा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को चुनाव प्रचार में निकलने से पहले अपने आवास पर मीडिया से बातचीत की। इस दौरान यूपी सीएम ने कांग्रेस, सपा, राजद समेत इंडी गठबंधन के तमाम दलों पर निशाना साधा। सपा नेता रामगोपाल यादव और राजद प्रमुख लालू यादव के बयानों पर भी उन्होंने खूब लताड़ा। सीएम योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी-कांग्रेस का चरित्र हिंदू और राम विरोधी है। 'जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखि तिन तैसी' ...उन्होंने कहा, ये लोग वोट बैंक के लिए न केवल भारत की आस्था के साथ खेल रहे हैं, बल्कि भगवान श्री राम की दिव्य सत्ता को भी चुनौती दे रहे हैं। इतिहास इस बात का गवाह है कि जिसने भी दिव्य सत्ता को चुनौती दी है, उसे दुर्भाग्य का सामना करना पड़ा है।सीएम ने कहा कि राम गोपाल यादव का बयान लाखों राम भक्तों की सनातन आस्था का अपमान है। जिन लोगों ने अपना पूरा जीवन राम मंदिर के लिए समर्पित कर दिया है, उनकी आस्था पर हमला किया जा रहा है। भारतीय समाज इसे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं कर सकता है। बयान के पीछे मंशा लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना था।
उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की नीति अपनाकर वोट बैंक बचाए रखने की कोशिश की जा रही है। ऐसे बयानों से उनकी हकीकत साफ झलकती है।
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