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सीएम योगी ने अपग्रेटेड PRV को दिखाई हरी झंडी, कहा- सुशासन की पहली शर्त है, कानून का राज

सीएम योगी ने गुरुवार को लखनऊ में यूपी 112 के 96 उच्चीकृत पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हेकिल) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि यूपी 112 को और प्रभावशाली बनाने के लिए अगले तीन वर्ष के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। यूपी 112 के बेड़े में कुल 6278 वाहन शामिल किए जाएंगे। इस वर्ष 1778 वाहनों को शामिल किए जाने का लक्ष्य है।

By Alok Mishra Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 27 Jun 2024 05:19 PM (IST)
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अपग्रेटेड PRV को हरी झंडी द‍िखाते मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सुशासन की पहली शर्त कानून का राज है। कानून के राज की पहली शर्त सुरक्षा व संरक्षा का बेहतर वातावरण है। सुरक्षा राज्य का दायित्व है। उप्र पुलिस इसका बेहतर निर्वहन करती रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ इस तरह प्रदेश में बेहतर हुई कानून-व्यवस्था के लिए पुलिस की प्रशंसा करने के साथ ही भविष्य में तकनीक के साथ कदमताल कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

उन्‍होंने कहा, पुलिस आधुनिकीकरण की मांग लंबे समय से चली आ रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीजी कांफ्रेंस में कानून-व्यवस्था में परिवर्तन के लिए स्मार्ट पुलिसिंग की अवधारणा दी थी। उसी कड़ी में उप्र पुलिस अपने कदम बढ़ा रही है। यूपी 112 काे दूसरे चरण में एआइ (आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस) समेत अन्य अत्याधुनिक तकनीक से जोड़कर अधिक प्रभावी बनाया गया है। बीते सात वर्षाें में उप्र पुलिस ने अपनी नई पहचान बनाई है। उप्र को भी नई पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रदेश में निवेश व व्यापार की नई संभावनाएं जागी हैं।

अपग्रेटेड PRV को दिखाई हरी झंडी

मुख्यमंत्री ने गुरुवार सुबह अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास में यूपी 112 के 96 उच्चीकृत पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हेकिल) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि यूपी 112 को और प्रभावशाली बनाने के लिए अगले तीन वर्ष के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। यूपी 112 के बेड़े में कुल 6278 वाहन शामिल किए जाएंगे। इस वर्ष 1778 वाहनों को शामिल किए जाने का लक्ष्य है।

सात वर्ष में यूपी में कानून का राज द‍िखाई द‍िया है: सीएम योगी  

कहा, सात वर्ष में यूपी में कानून का राज दिखाई दिया है। जिसने पुलिस को भी सम्मान और विश्वास का प्रतीक बनाया। कहा, वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद जब पहली प्रशासनिक बैठक की तो पता चला कि यूपी आबादी में देश का सबसे बड़ा राज्य है, पर अर्थव्यवस्था के मामले में छठवें स्थान पर है। प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ तो यूपी आज देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है और तेजी से देश की बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो रहा है।

कहा, आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं देंगे तो पुलिस बल पिछड़ जाएगा। इसका असर सामान्य नागरिकों की सुरक्षा पर पड़ेगा। लोगाें का विश्वास एक बार व्यवस्था से हटा तो उसे बहाल करने में लंबे समय तक कसरत करनी पड़ेगी। वित्त व संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पुलिस के समय से मौके पर पहुंचने से बड़े से बड़े अपराध को रोका जा सकता है।

पुलिस को सेवाभाव से काम करने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही किसी बेकसूर पर कार्रवाई न किए जाने की नसीहत भी दी। कार्यक्रम में कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार, डीजीपी प्रशांत कुमार, एडीजी यूपी 112 नीरा रावत व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

योगी ने कानपुर के आरक्षी को पहनाया एसी हेलमेट

कानपुर यातायात पुलिस के 32 जवानों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत वातानुकूलित हेलमेट भी वितरित किए। योगी ने आरक्षी सुगौरव तिवारी को अपने हाथ से हेलमेट पहनाया। यातायात कर्मियों को प्रचंड गर्मी से राहत दिलाने के लिए कानपुर के पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के इस प्रयास की सराहना की। कहा, जवान चौराहे पर खड़े होकर यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करते है। कई बार ऐसा करते-करते जवान बेहोश हो जाते हैं या कोई अप्रिय घटना हो जाती है। यह एसी हेलमेट कुछ हद तक मदद करने में सहभागी बनेगा।

यह हुआ बड़ा बदलाव

- यूपी 112 से अब आपदा राहत, सेफ सिटी समेत 15 नई एजेंसियां भी जुड़ीं। अब कुल 24 एजेंसियां एकीकृत।

- संवाद अधिकारियों की संख्या 673 से बढ़कर 825 हुई।

- अब प्रतिदिन 28 हजार लोगों तक पहुंचेगी आपात सहायता। अब तक औसतन 18,500 लोगों को मिलती थी सहायता।

- पहले चरण में कुल 4800 पीआरवी थीं, जिनकी संख्या 6278 होगी।

- फोन करने वाले की सटीक लोकेशन जानने के लिए हो रहा ईएलएस तकनीक का प्रयाेग।

- पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मी हुए बाडीवार्न कैमरों से लैस।

- पुलिसकर्मी घटनास्थल की फोटो के साथ ही वीडियो रिकार्ड कर सकेंगे।

- पीआरवी पर लगे पीटीजेड कैमरे। जिनसे किसी घटना की फीड सीधे पुलिस कंट्रोल रूम को मिलेगी।

- कैमरों से बढ़ेगी पारदर्शिता और संवदेनशील स्थानों की निगरानी।

- अब पीड़ित को भी पता लग सकेगी पीआरवी की रनिंग लोकेशन।

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