सीएम योगी ने इन 20 जिलों में सख्त मॉनिटरिंग करने के दिए निर्देश- अफसरों से कहा हर बात का ब्योरा देना होगा
UP Health Government हाल के दिनों में गौतमबुद्ध नगर गाजियाबाद लखनऊ कानपुर मेरठ मुरादाबाद में डेंगू फैल रहा है और बुलंदशहर व संभल में आउटब्रेक की स्थिति है। जबकि बरेलीसीतापुर शाहजहापुर हरदोई बदायूं पीलीभीत और संभल में मलेरिया का असर देखा जा रहा है। प्रयागराज कानपुर बाराबंकी कुशीनगर संत कबीर नगर सहारनपुर व बस्ती चिकनगुनिया की दृष्टि से संवेदनशील हैं।
By Ajay JaiswalEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Sat, 09 Sep 2023 09:46 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : UP Politics मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को संचारी रोगों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को इससे निपटने के लिए सख्त इंतजाम करने के निर्देश दिए। योगी ने कहा कि बीमारी न फैले इसके लिए साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था की जाए। वहीं डेंगू व मलेरिया इत्यादि संचारी रोगों से ग्रस्त रोगियों के उपचार के भी अच्छे इंतजाम किए जाएं। एक अक्टूबर से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाए।
यह भी पढ़ें- Bijli Bill : यूपी में बिजली विभाग का बड़ा एलान; उपभोक्ताओं को देने जा रहा है यह बड़ी सौगात- कर दी शुरूआतअपने सरकारी आवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में योगी ने सभी अस्पतालों में एक-एक नोडल अफसर की तैनाती करने और हर दिन शाम को अनिवार्य रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिए। हर जिले में जिलाधिकारी सभी अस्पतालों में नोडल अफसर तैनात करेंगे।
योगी ने कहा कि मेडिकल कालेजों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक निगरानी की बेहतर व्यवस्था की जाए। नोडल अधिकारी हर दिन नए रोगियों की जानकारी प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम को अनिवार्य रूप से देना होगा।
हाल के दिनों में गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, मेरठ, मुरादाबाद में डेंगू फैल रहा है और बुलंदशहर व संभल में आउटब्रेक की स्थिति है। जबकि बरेली,सीतापुर, शाहजहापुर, हरदोई, बदायूं, पीलीभीत और संभल में मलेरिया का असर देखा जा रहा है। प्रयागराज, कानपुर, बाराबंकी, कुशीनगर, संत कबीर नगर, सहारनपुर व बस्ती चिकनगुनिया की दृष्टि से संवेदनशील हैं। इन जिलों में विशेष सतर्कता बढ़ती जाए।
योगी ने कहा कि इस वर्ष एक जनवरी से लेकर सात सितंबर तक जापानी इंसेफ्लाइटिस, चिकनगुनिया व मलेरिया से एक भी मौत नहीं हुई। बीते चार -पांच वर्षों से यह काबू में हैं। अब आगे इसके उन्मूलन पर जोर दिया जा रहा है।
निजी अस्पतालों को अनिवार्य रूप से संचारी रोगों से ग्रस्त मरीजों का ब्योरा देना होगा। ताकि स्थिति का सही आकलन किया जा सके।
अगर कहीं संचारी रोगों से ग्रस्त मरीजों की संख्या अधिक है तो वहां पर तत्काल हाट-स्पाट बनाया जाए। यहां साफ सफाई की व्यवस्था देखने के लिए स्वयं नगर आयुक्त और अधिशाषी अधिकारी दौरा करें और साफ सफाई की व्यवस्था देखें। हर दिन सुबह सैनिटाइजेशन किया जाए और शाम को फागिंग कराई जाए।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, पशुपालन ,राजस्व, बेसिक माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग आपस में मिलकर इस अभियान को सफल बनाएं। स्कूलों में छात्रों को स्वच्छता के लिए प्रेरित किया जाए और संचारी रोगों से बचाव के उपाय बताए जाएं। समय पर एम्बुलेंस मरीज तक पहुंचे इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाएं।
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