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सीएम योगी ने बाढ़ प्रभावित जिलों के अधिकारियों के साथ की बैठक, तटबंधों की 24 घंटे हो निगरानी के दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित जिलों की निगरानी 24 घंटे की जाए। मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। बता दें कि प्रदेश में बाढ़ से 20 जिले प्रभावित हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने पीड़ितों को 24 घंटों में सहायता धनराशि उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 16 Jul 2024 03:25 AM (IST)
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तटबंधों की 24 घंटे हो निगरानी, प्रभावितों को तत्काल पहुंचाएं राहत: योगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहा कि तटबंधों की 24 घंटे निगरानी की जाए। प्रभावित परिवारों के पास तत्काल राहत पहुंचाई जाए। बाढ़ पीड़ितों को भोजन पैकेट एवं राशन सामग्री प्रत्येक दशा में समय से उपलब्ध कराई जाए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि भोजन एवं खाद्यान्न की गुणवत्ता व मात्रा का विशेष ध्यान रखा जाए। इससे किसी भी प्रकार समझौता नहीं होना चाहिए। बाढ़ प्रभावित इलाकों में सहायता राशि जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ही वितरित कराई जाए।

मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि अब तक प्रदेश में सामान्य वर्षा 220 मिलीमीटर के सापेक्ष 242.50 मिलीमीटर हुई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 22 जुलाई तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज वर्षा की संभावना है। 

योगी ने मौसम की बदलती परिस्थितियों पर सतत नजर रखने व राहत आयुक्त कार्यालय सहित सभी जिला प्रशासन को 24 घंटे सातों दिन अलर्ट मोड में रहें। पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए। आपदा से बचाव के लिए सभी अधिकारी आपस में बेहतर समन्वय बनाकर कार्य करें। बाढ़ पीड़ितों के साथ सभी अधिकारियों एवं कर्मियों का व्यवहार शिष्टाचारपूर्ण होना चाहिए।

24 घंटों में उपलब्ध कराई जाए सहायता राशि

योगी ने कहा कि बाढ़ में यदि किसी की फसल का नुकसान हुआ है, नदी से जमीन का कटान हुआ है या फिर गृहस्थी का सामान बह गया है, ऐसे सभी प्रकरण में सहायता धनराशि 24 घंटों में उपलब्ध कराई जाए। 

किसानों की फसलों का सर्वे करवा लें। सहायता राशि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ही वितरित कराई जाए। बाढ़ के दौरान जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बन रही है, वहां पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। इन स्थलों में चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। 

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी चिकित्सालयों में एंटी स्नेक वेनम और एंटी रैबीज इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सर्पदंश एक भी पीड़ित हो तो भी उसका इलाज किया जाना सुनिश्चित करें।

आपदा प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत आयुक्त द्वारा भेजी जा रही अर्ली वार्निंग अलर्ट को संबंधित क्षेत्रों में आम जनता तक अनिवार्य रूप से तत्काल भेजा जाए और आपदा प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाए। शहरी क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना को देखते हुए नालों की साफ-सफाई करा ली जाए एवं निचले इलाकों से पानी की निकासी के लिए पंपिंग स्टेशन क्रियाशील रखी जाए। पंपिंग स्टेशन के संचालन के लिए जेनरेटर की भी वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।

बाढ़ से 20 जिले हैं प्रभावित

प्रदेश में बाढ़ से अब तक कुल 20 जिलों की 69 तहसीलों के 1571 गांव प्रभावित हैं। बरेली, पीलीभीत व शाहजहांपुर के शहरी क्षेत्र भी इससे प्रभावित हुए हैं। कुल 14.80 लाख नागरिक बाढ़ की चपेट में आए हैं। इनमें से 5.29 लाख व्यक्ति ऐसे हैं, जिनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। 

जलभराव के कारण प्राथमिक रूप से 3.19 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि सेटेलाइट से प्राप्त जलभराव डाटा के आधार पर स्थलीय टीमें बनाकर फसलों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है, साथ ही ड्रोन सर्वे की व्यवस्था भी की जा रही है।

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