सीएम योगी ने बाढ़ प्रभावित जिलों के अधिकारियों के साथ की बैठक, तटबंधों की 24 घंटे हो निगरानी के दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित जिलों की निगरानी 24 घंटे की जाए। मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। बता दें कि प्रदेश में बाढ़ से 20 जिले प्रभावित हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने पीड़ितों को 24 घंटों में सहायता धनराशि उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहा कि तटबंधों की 24 घंटे निगरानी की जाए। प्रभावित परिवारों के पास तत्काल राहत पहुंचाई जाए। बाढ़ पीड़ितों को भोजन पैकेट एवं राशन सामग्री प्रत्येक दशा में समय से उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोजन एवं खाद्यान्न की गुणवत्ता व मात्रा का विशेष ध्यान रखा जाए। इससे किसी भी प्रकार समझौता नहीं होना चाहिए। बाढ़ प्रभावित इलाकों में सहायता राशि जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ही वितरित कराई जाए।
मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि अब तक प्रदेश में सामान्य वर्षा 220 मिलीमीटर के सापेक्ष 242.50 मिलीमीटर हुई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 22 जुलाई तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज वर्षा की संभावना है।
योगी ने मौसम की बदलती परिस्थितियों पर सतत नजर रखने व राहत आयुक्त कार्यालय सहित सभी जिला प्रशासन को 24 घंटे सातों दिन अलर्ट मोड में रहें। पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए। आपदा से बचाव के लिए सभी अधिकारी आपस में बेहतर समन्वय बनाकर कार्य करें। बाढ़ पीड़ितों के साथ सभी अधिकारियों एवं कर्मियों का व्यवहार शिष्टाचारपूर्ण होना चाहिए।
24 घंटों में उपलब्ध कराई जाए सहायता राशि
योगी ने कहा कि बाढ़ में यदि किसी की फसल का नुकसान हुआ है, नदी से जमीन का कटान हुआ है या फिर गृहस्थी का सामान बह गया है, ऐसे सभी प्रकरण में सहायता धनराशि 24 घंटों में उपलब्ध कराई जाए।किसानों की फसलों का सर्वे करवा लें। सहायता राशि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ही वितरित कराई जाए। बाढ़ के दौरान जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बन रही है, वहां पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। इन स्थलों में चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी चिकित्सालयों में एंटी स्नेक वेनम और एंटी रैबीज इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सर्पदंश एक भी पीड़ित हो तो भी उसका इलाज किया जाना सुनिश्चित करें।
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