Deoria Murder Case: देवरिया हत्याकांड के बाद एक्शन मोड में CM योगी, भूमि विवादों का होगा चुटकियों में निपटारा
Deoria Murder Case उत्तर प्रदेश (UP) के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में लंबित मुकदमों और भूमि से जुड़े विवादों के निस्तारण के लिए उत्तर प्रदेश में 60 दिन का विशेष अभियान संचालित किया जाएगा। इनमें निर्विवाद वरासत पैमाइश नामांतरण आपसी बंटवारे और भूमि विवादों के प्रकरणों के अलावा आइजीआरएस और संपूर्ण समाधान दिवस तथा विभिन्न स्तरों पर प्राप्त शिकायतें शामिल हैं।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Sat, 07 Oct 2023 06:45 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। जमीन से जुड़े विवादों को लेकर देवरिया और सुल्तानपुर में हुईं हत्या की घटनाओं के बाद शासन ने इन्हें लेकर गंभीर रुख अख्तियार किया है। प्रदेश के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में लंबित मुकदमों और भूमि से जुड़े विवादों के निस्तारण के लिए प्रदेश में 60 दिन का विशेष अभियान संचालित किया जाएगा। इनमें निर्विवाद वरासत, पैमाइश, नामांतरण, आपसी बंटवारे और भूमि विवादों के प्रकरणों के अलावा आइजीआरएस और संपूर्ण समाधान दिवस तथा विभिन्न स्तरों पर प्राप्त शिकायतें शामिल हैं।
90 दिन की गई समयसीमा निर्धारित
यदि निस्तारण में कोई विलंब होता है तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही कर उन्हें दंडित किया जाएगा। अभियान के दौरान जमीन के सीमा संबंधी विवादों को अधिकतम तीन माह में निस्तारित करने का निर्देश दिया गया है।उत्तराधिकार और निर्विवाद वरासत के मामलों को 45 दिन तथा नामांतरण के विवादित वाद के निस्तारण के लिए अधिकतम 90 दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है। जोत की विभाजन से जुड़े वादों को अधिकतम छह माह में निस्तारित करने के लिए कहा गया है।
निस्तारण के लिए निर्धारित अवधि से अधिक समय किसी स्थिति में नहीं लिया जाएगा। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने गुरुवार को इस संबंध में सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और एसएसपी/एसपी के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग करने के बाद इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। शासनादेश के अनुसार मंडलायुक्त और जिलाधिकारी अपने स्तर से कार्ययोजना बनाकर विशेष अभियान संचालित कर राजस्व वादों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित कराएंगे।
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सभी जिलों में समस्त न्यायालयों व आइजीआरएस प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा जिलाधिकारी को प्रतिदिन करनी होगी। किसी अधिकारी के इसमें कोताही बरतने पर उन्हें दंडित करना होगा। शासनादेश में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने 16 सितंबर को राजस्व विभाग की तहसील स्तर तक की समीक्षा की थी जिसमें उन्होंने लंबित प्रकरणों और वादों को तत्काल निस्तारित करने का निर्देश दिया था।
इसके बावजूद राजस्व मामलों के निस्तारण में अपेक्षा के अनुरूप प्रगति नहीं हुई है। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि राजस्व वादों का निस्तारण सप्ताह के सभी पाचों दिन किया जाए। यदि पैमाइश के मामलों में पुलिस बल की जरूरत हो तो वह भी लिया जाए। इसके लिए पुलिस प्रशासन आवश्यक सहयोग देगा।
सभी मंडलायुक्तों को अभियान की प्रगति की समीक्षा हर सोमवार व गुरुवार को करनी होगी। मुख्य सचिव खुद इस अभियान की समीक्षा हर मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये करेंगे। राजस्व विभाग के आरसीसीएमएस पोर्टल पर प्रतिदिन निस्तारण की प्रगति की समीक्षा की जाए। यह भी पढ़ें- IAS Suhas LY: सुहास एलवाई ने ऑस्ट्रेलिया पैरा बैडमिंटन में जीता कांस्य पदक, कही ये बातें
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