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'विभाजनकारी ताकतों से रहें सावधान', CM योगी ने महापरिनिर्वाण दिवस पर अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि, कही ये बातें

सीएम योगी ने कहा क‍ि डॉ. भीमराव अंबेडकर संविधान के शिल्पी थे और उन्होंने दलितों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए संविधान में स्थान देकर उन्हें सम्मान देने का कार्य किया। पिछली सरकारों ने अमीर और गरीब के बीच दलित और पिछड़ों के बीच खाई और गहरी करने का काम किया। कुछ लोग इनकी ओर होने के बावजूद कोई काम नहीं करते थे।

By Jitendra Kumar UpadhyayEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Wed, 06 Dec 2023 06:09 PM (IST)
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सीएम योगी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर बुधवार को विधान सभा मार्ग स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर महासभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके कलश पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर संविधान के शिल्पी थे और उन्होंने दलितों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए संविधान में स्थान देकर उन्हें सम्मान देने का कार्य किया। पिछली सरकारों ने अमीर और गरीब के बीच दलित और पिछड़ों के बीच खाई और गहरी करने का काम किया। कुछ लोग इनकी ओर होने के बावजूद कोई काम नहीं करते थे। हमारी सरकार ने सबके पास मकान, राशन कार्ड होने और पांच लाख तक के इलाज की सुविधा देने का काम किया है। आरक्षित श्रेणी को पट्टा देकर मकान बनाने का कार्य सरकार कर रही है।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने अटल चौक (हजरतगंज) स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। बाबा साहब के सपनों को साकार करने का कार्य डबल इंजन की सरकार कर रही है। आज कुछ लोग समाज को बांटकर देश को कमजोर करने का कार्य कर रहे हैं। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कुछ लोग भारत को कोसते हैं और भारतीयता का अपमान करते हैं। बाबा साहब को भी लालच देने का काम हुआ था, मगर बिना झुके और बिना डिगे वे भारत और भारतीयता के लिए काम करते रहे। दुनिया में कहीं भी दबे कुचले समाज को बुलंद करने की बात आती है तो लोगों के दिमाग में बाबा साहब आंबेडकर का नाम आता है। बाबा साहब के पंच तीर्थों की स्थापना का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। हमने जाति नहीं बल्कि उसकी आवश्यकताओं के आधार पर कार्य किया। 2014 के पहले आवास एक सपना होता था। आज देश के चार करोड़ लोगों के पास अपना पक्का आवास है। गांव हो या शहर हर दलित, वंचित और गरीब को आवास उपलब्ध कराएंगे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से कोरोना अगर 2014 से पहले आता तो क्या हम बच पाते, क्योंकि तब की सरकार के पास कोई दृष्टि नहीं थी। 1970 में इन्सेफलाइटिस बीमारी आई, जिससे 50 हजार बच्चों की मौत हुई थी। पहले की सरकार चेहरा देखकर कार्य करती थी। कोई दलित समर्थक होता था कोई दलित विरोधी। जो दलित समर्थक थे वो भी उनके नाम पर रोटी सेंकते थे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों के लिए बनाए गए अटल आवासीय विद्यालय जाकर देखें कि वहां कैसी व्यवस्था की गई है। उन्होंने अभ्युदय कोचिंग की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें अधिक से अधिक दलित बंधुओं के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, सदस्य विधान परिषद लाल जी प्रसाद निर्मल, महापौर सुषमा खर्कवाल व राम चंद्र पटेल समेत समाज के लोग मौजूद थे।