Chitragupta Puja 2022: सीएम योगी ने प्रदेशवासियों को भगवान चित्रगुप्त के पूजन-दिवस की दीं शुभकामनाएं
Chitragupta Puja 2022 भगवान चित्रगुप्त परमपिता ब्रह्मा जी के अंश से उत्पन्न हुए हैं और यमराज के सहयोगी हैं। भगवान चित्रगुप्त मनुष्य के कर्मों का लेखा जोखा रखते हैं। पुराणों में कहा गया है कि कायस्थ समाज की उत्पत्ति भगवान चित्रगुप्त से हुई है।
लखनऊ, जेएनएन। Chitragupta Puja 2022 कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। यह पूजन दिवाली के दूसरे दिन किया जाता है। इस बार दीपावली के दूसरे दिन सूर्य ग्रहण होने के चलते पूजन दिवस की तिथि शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर 2:42 से शुरू हुई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि परमपिता ब्रह्मा जी के दिव्य अंश, भगवान चित्रगुप्त जी के पूजन-दिवस पर प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! भगवान चित्रगुप्त सभी को सन्मार्ग का पथिक बनाएं, सभी के अंतस में सद्कर्मों की प्रेरणा का संचार करें, यही कामना है।
भगवान चित्रगुप्त जी के हाथों में कर्म की किताब, कलम, दवात और करवाल है। ये कुशल लेखक हैं और इनकी लेखनी से जीवों को उनके कर्मों के अनुसार न्याय मिलती है। कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को भगवान चित्रगुप्त की पूजा का विधान है। इस दिन भगवान चित्रगुप्त और यमराज की मूर्ति स्थापित करके अथवा उनकी तस्वीर रखकर श्रद्धा पूर्वक सभी प्रकार से फूल, अक्षत, कुमकुम, सिन्दूर एवं भांति भांति के पकवान, मिष्टान एवं नैवेद्य सहित इनकी पूजा करें।
यम द्वितीया पर शुभ मुहूर्त में नए बहीखातों की पूजा की परंपरा है। पुराणों में वर्णन हैं कि कायस्थ समाज की उत्पत्ति भगवान चित्रगुप्त से हुई है तो इस दिन इस समाज के लोगों द्वारा उनकी विधिवत पूजा की जाती है।
जाने अनजाने हुए अपराधों के लिए इनसे क्षमा याचना करें। यमराज और चित्रगुप्त की पूजा एवं उनसे अपने बुरे कर्मों के लिए क्षमा मांगने से नरक का फल भोगना नहीं पड़ता है।