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CNG Rate in Lucknow: वैट नहीं घटा तो और महंगी हो जाएगी सीएनजी, लखनऊ में पहली बार पेट्रोल को भी पीछे छोड़ा

लखनऊ सहित पांच शहरों में सीएनजी की आपूर्ति करने वाली ग्रीन गैस लिमिटेड ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को पत्र भेजकर टैक्स घटाने की मांग की है। कंपनी के निदेशक जेपी सिंह के मुताबिक सीएनजी की कीमतें लगातार बढ़ानी पड़ रही हैं।

By Rajeev BajpaiEdited By: Vikas MishraUpdated: Tue, 18 Oct 2022 10:24 AM (IST)
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नेचुरल गैस यानी सीएनजी ने पहली बार पेट्रोल की कीमतों को भी पीछे छोड़ दिया

लखनऊ, जागरण संवाददाता। आखिरकार कंप्रेस्ड नेचुरल गैस यानी सीएनजी ने पहली बार पेट्रोल की कीमतों को भी पीछे छोड़ दिया। सी एन जी अब जहां ₹97 में मिलेगी वहीं पेट्रोल की कीमतें अभी 96:62 बनी हुई है ।कंपनी का कहना है कि अगर सरकार ने सीएनजी से वैट नहीं घटाया तो जल्द ही सीएनजी की दरें ₹100 को भी पार कर सकती हैं। जाहिर है ऐसे में उपभोक्ताओं पर बड़ा बोझ पड़ेगा।

मामला केवल सीएनजी तक ही सीमित नहीं रहने वाला है। अगर इसी तरह चलता रहा तो घरों में खाना बनाना अभी और महंगा होगा। जाहिर है नेचुरल गैस की कीमतें बढ़ेंगी तो पीएनजी भी अपनी जगह स्थिर नहीं रहेगी पीएनजी की कीमतों में भी ₹3 30 पैसे की बढ़ोतरी की गई है और आप लखनऊ में करीब 59 रुपए स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर हो गई है। गैस कंपनियां भी समझ रही है अगर इसी तरह सीएनजी की दरें बढ़ती रही तो फिर आने वाले समय में ग्राहकों को जोड़े रखना काफी मुश्किल होगा। 

दरअसल, प्राकृतिक गैस जो अपने देश में उत्पादित की जा रही है उसकी ही कीमत 6.1 डालर प्रति एक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू ) से बढ़ाकर 8.57 डालर प्रति एमएमबीटीयू कर दिया गया है। इससे पहले इस वर्ष एक अप्रैल 2022 को प्राकृतिक गैस के दाम को बढ़ाकर 6.10 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू किया गया था। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर नेचुरल गैस की कीमतों पर जबरदस्त तरीके से पड़ रहा है। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों के साथ-साथ देश में उत्पादित नेचुरल गैस की दरें भी बढ़ानी पड़ रही हैं। 

सरकार से टैक्स घटाने की मांग

लखनऊ सहित पांच शहरों में सीएनजी की आपूर्ति करने वाली ग्रीन गैस लिमिटेड ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को पत्र भेजकर टैक्स घटाने की मांग की है। कंपनी के निदेशक जेपी सिंह के मुताबिक सीएनजी की कीमतें लगातार बढ़ानी पड़ रही हैं। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू गैस के दाम लगातार बढ़ रहे हैं जिसकी वजह से कीमतें ऊपर जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को कम दरों पर सीएनजी उपलब्ध कराने के लिए इस समय टैक्स कम करना ही एक मात्र रास्ता है। राज्य सरकार सीएनजी पर जहां 12.5 प्रतिशत वैट ले रही है वहीं केंद्र सरकार 14.5 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी ले रही है।

वैट घटे तो दस रुपये तक पड़ेगा फर्क

अगर सरकार पेट्रोल और डीजल की तरह वैट और एक्साइज ड्यूटी घटा दे तो उपभोक्ताओं को आठ से दस रुपए तक की राहत तत्काल मिल सकती है। पूर्वांचल के करीब डेढ़ दर्जन जिलों में सीएनजी और पीएनजी सप्लाई करने वाली टोरेंन लिमिटेड ने भी सरकार को टैक्स कम करने के लिए पत्र लिखा है। दरअसल अब कंपनियों के सामने वाइट और एक्साइज ड्यूटी हटाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है अगर जल्दी इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया तो सीएनजी और पीएनजी इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ा मुश्किल होगा।

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