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Codeine Based Cough Syrup: यूपी में कोडीन से बने कफ सिरप की बिक्री के नियम सख्त, अब दिन भर में एक बोतल ही खरीद सकेंगे

Codeine Based Cough Syrup यूपी में कोडीन से बने कफ सिरप की बिक्री के नियम सख्त कर दिए गए हैं। सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि इसका कड़ाई से पालन कराएं। नियम तोड़ने वाले दवा कारोबारी व मेडिकल स्टोर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Tue, 16 Aug 2022 11:47 PM (IST)
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Codeine Based Cough Syrup: एफएसडीए ने नशीली दवाएं खरीदने व भंडारण की क्षमता की तय।

Codeine Based Cough Syrup: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। खांसी आने पर पिये जाने वाले कोडीन से बने कफ सिरप की बिक्री के नियम यूपी में सख्त कर दिए गए हैं। अब एक व्यक्ति एक दिन में 100 या 50 मिली ग्राम (ML) की एक बोतल ही खरीद सकेगा। ऐसा कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि इस दवा का प्रयोग बड़ी मात्रा में नशा करने के लिए किया जा रहा है।

ऐसे में कफ सिरप सहित दर्द व डिप्रेशन इत्यादि की 10 दवाओं को खरीदने व दवा व्यापारियों द्वारा भंडारण किए जाने की क्षमता तय कर दी गई है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) विभाग की ओर से सख्त चेतावनी दी गई है, कि नियम तोड़ने वाले दवा कारोबारी व मेडिकल स्टोर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यूपी के ड्रग कंट्रोलर एके जैन के मुताबिक सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि इसका कड़ाई से पालन कराएं। दरअसल कोडीन खांसी से राहत देने वाली दवाओं में पाया जाने वाला घटक है। इसे हल्के नारकोटिक के तौर पर भी जाना जाता है।

इसे अकेले या अन्य दवाओं के साथ मिलाकर भी दिया जाता है। शरीर में पहुंचने पर लिवर एक एंजाइम की मदद से इसे मार्फीन में तब्दील कर देता है। डाक्टर के परामर्श पर ही इसे तय मात्रा में लिया जाना चाहिए, लेकिन तमाम लोग इसका प्रयोग नशा करने में कर रहे हैं।

थोक विक्रेता एक दिन में 100 से अधिक बोतल सिरप नहीं बेच सकेंगे। उन्हें इसके लिए रजिस्टर बनाकर दवा खरीदने वालों का नाम, पता व मोबाइल नंबर आदि लिखना होगा। वहीं ट्रामाडोल जो कि दर्द व बुखार की दवाओं में प्रयोग किया जाता है, इसे डाक्टर द्वारा पर्चे पर लिखी गई डोज के अनुसार ही दिया जाएगा।

दवा का फुटकर विक्रेता दो हजार कैप्सूल रख सकेगा और 200 कैप्सूल प्रतिदिन बेच सकेगा। इसी तरह डिप्रेशन, अनिद्रा व मानसिक रोगों से ग्रस्त रोगियों को दी जाने वाली अल्प्राजोलम, क्लोनाजेपन, डायाजेपाम, नाइट्राजेपम, पेंट्राजोसिन व बुप्रेनारफिन के प्रयोग से बनी दवाओं 20 कैप्सूल से लेकर 10 कैप्सूल तक ही प्रतिदिन मेडिकल स्टोर से बेची जा सकेगी।

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