फिलहाल पदावनति के बाद भी कम नहीं होगा वेतन
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद हरकत में आई राज्य सरकार ने शुक्रवार को आरक्षण के तहत प्रोन्नत कर्मचारियों को पदावनत करने का शासनादेश भी जारी कर दिया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि फिलहाल पदावनत कर्मियों का वेतन कम नहीं किया जाएगा। निचले पद पर जाने के बाद होने
By Nawal MishraEdited By: Updated: Fri, 21 Aug 2015 11:21 PM (IST)
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद हरकत में आई राज्य सरकार ने शुक्रवार को आरक्षण के तहत प्रोन्नत कर्मचारियों को पदावनत करने का शासनादेश भी जारी कर दिया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि फिलहाल पदावनत कर्मियों का वेतन कम नहीं किया जाएगा। निचले पद पर जाने के बाद होने वाली वित्तीय हानि को वैयक्तिक वेतन देकर पूरा किया जाएगा।
मुख्य सचिव आलोक रंजन की ओर से सभी विभागों को जारी किए गए शासनदेश के अनुसार 28 अप्रैल 2012 के पूर्व एवं 15 नवंबर 1997 के बाद प्रोन्नत कर्मियों को पदावनत किया जाएगा। पदावनत किए गए आरक्षित श्रेणी के कार्मिक को परिवर्तित पद का वेतन ही अनुमन्य होगा। पदावनति के ठीक एक पूर्व के माह में कर्मी को प्राप्त हो रहीं परिलब्धियां (मूल वेतन, महंगाई भत्ते व अन्य भत्ता) में कोई वित्तीय हानि न हो, इसके लिए उन्हें वैयक्तिक वेतन अनुमन्य किया जाएगा। यह राशि पदावनति के बाद प्राप्त होने वाली परिलब्धियों और पदावनति के ठीक पूर्व के माह में मिल रही परिलब्धियों के अंतर के बराबर होगी। वैयक्तिक वेतन आगे के वर्षों में उसी अनुपात में कम होता जाएगा जिस सीमा तक कर्मचारी के मूल वेतन में वार्षिक वेतन वृद्धि व अन्य भत्तों सहित सकल वेतन में वृद्धि हो रही है। पदावनत कर्मी की कुल मासिक परिलब्धियां तब तक फ्रीज रहेंगी जब तक कि उसके आसन्न वरिष्ठ कर्मी की परिलब्धियां उसके बराबर या अधिक न हो जाएं। शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि आरक्षण का लाभ प्राप्त कर प्रोन्नत हुए कर्मी पदावनति के बाद पदावनत पद के अनुरूप ही सुविधाएं प्राप्त करेंगे। पदावनतकर्मी को प्राप्त हो रही परिलब्धियों (वैयक्तिक वेतन भी शामिल) के आधार पर वरिष्ठता क्रम का कोई लाभ नहीं प्राप्त होगा। अनारक्षित वर्ग के पदधारकों द्वारा इस आधार पर वैयक्तिक वेतन की मांग नहीं की जाएगी कि वे पदावनतकर्मी से वरिष्ठ हैं। पदावनति के परिणाम स्वरूप जो रिक्तियां उपलब्ध होंगी, उन पर संशोधित वरिष्ठता सूची के आधार पर ही पदोन्नति की कार्यवाही की जाएगी। मुख्य सचिव द्वारा सभी प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, कार्यालयाध्यक्ष, मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को जारी आदेश मिलते ही विभिन्न विभागों में पदावनति की कवायद भी शुरू हो गई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।