UP News: कांवड़ मार्ग पर खानपान की दुकानों के 'नेम प्लेट' का विरोध जारी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सपा के पूर्व सांसद ने साधा निशाना
कांवड़ मार्ग पर खानपान की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने की बात का पूरे देश में विरोध हो रहा है। ऐसे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट में लिखा-जिसका नाम गुड्डू मुन्ना छोटे या फत्ते है उससे क्या पता चलेगा न्यायालय स्वत संज्ञान ले तथा ऐसे प्रशासन के पीछे शासन तक की मंशा की जांच कराकर दंडात्मक कार्रवाई करे।
डिलिटल डेस्क, लखनऊ। देशभर में विरोध के बावजूद कांवड़ मार्ग पर खानपान की दुकानों पर मालिक और वहां काम करने वालों का नाम लिखने के फैसले पर सहारनपुर परिक्षेत्र के डीआइजी अजय साहनी अडिग हैं। उनका कहना है कि परिक्षेत्र के तीनों जिले सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर के कप्तान को निर्देशित किया गया है कि वे कांवड़ मार्ग पर खानपान की दुकानों पर मालिकों का नाम लिखवाना सुनिश्चित करें।
वहीं लखनऊ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि यह बिल्कुल अव्यवहारिक है। वे समाज में भाईचारे की भावना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, लोगों के बीच दूरियां पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।
#WATCH | Lucknow: On food shops on the Kanwar routes across Uttar Pradesh asked to put up 'nameplates', state Congress chief Ajay Rai says, "This is absolutely impractical. They are trying to impair the sense of brotherhood in society, trying to create distance among people. This… pic.twitter.com/GAIs7P1Ce0— ANI (@ANI) July 19, 2024
वहीं समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि मुसलमानों का बहिष्कार करने और हिंदुओं की दुकानों पर जाने का संदेश दिया जा रहा है। यह सांप्रदायिक सोच कब तक चलेगी? यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। दो समुदायों के बीच दूरी पैदा की जा रही है। इस तरह के आदेश रद्द किए जाने चाहिए।
#WATCH | Moradabad, Uttar Pradesh: On the UP Police asking roadside eateries along the Kanwar Yatra route in Muzaffarnagar to display the names of owners, former Samajwadi Party MP Dr. ST Hasan says,"...A message is being given to boycott Muslims and visit shops of Hindu...How… pic.twitter.com/FBJY0sftV2— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 19, 2024
बता दें कि पिछले दिनों मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने कांवड़ रूट के खानापान की दुकानों, ढाबों व ठेलों के मालिकों को अपना नाम लिखने के लिए निर्देशित किया था। इस व्यवस्था का पालन भी होने लगा लेकिन बुधवार को इंटरनेट मीडिया में यह प्रकरण चर्चा में आ गया, जहां ओवैसी ने इसमें दखल दिया और मुजफ्फरनगर पुलिस की तुलना हिटलर के नाजियों से की।
इसके बाद अन्य राजनीतिक पार्टियां और नेता भी इस विवाद में कूद पड़े। इस प्रबल विरोध के बाद गुरुवार की शाम को मुजफ्फरनगर पुलिस ने अपना स्टैंड बदला और इस बार लिखित बयान जारी किया कि, ‘कांवड़िये अपने खानपान में कुछ खाद्य सामग्री से परहेज करते हैं। पूर्व में ऐसे कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं, जहां कांवड़ मार्ग पर खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदार अपनी दुकानों के नाम इस तरह रखते हैं, जिससे कांवड़िये भ्रमित हो जाते हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो जाती है। इसकी पुनरावृत्ति रोकने और श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए होटल, ढाबे और खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदारों से अनुरोध किया है कि वह स्वेच्छा से अपने मालिक और दुकान पर काम करने वालों का नाम प्रदर्शित करें।”
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