धीमी गति से चल रहा केडी सिंह बाबू स्टेडियम में स्वीमिंग पूल का निर्माण, तीन साल बाद भी अधूरा; मजबूर हैं तैराक
UP News एजेंसी को केडी सिंह बाबू स्टेडियम के स्विमिंग पूल का निर्माण कार्य पिछले साल जून में ही पूरा कर देना चाहिए था लेकिन नहीं हो पाया। इसके बाद दिसंबर तक समय मांगा गया और फिर इस साल मार्च में निर्माण कार्य संपन्न कराने का वादा किया गया।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sun, 11 Jun 2023 08:51 AM (IST)
लखनऊ, जागरण संवाददाता। केडी सिंह बाबू स्टेडियम का ओलंपिक आकार का स्विमिंग पूल खेल निदेशालय से चंद कदमों की दूरी पर है, लेकिन कार्यदायी संस्था की लापरवाही के चलते उसमें तीन साल से एक बूंद पानी नहीं है। लिहाजा, तैराकों को अभ्यास के लिए निजी स्विमिंग पूल का रुख करना पड़ रहा है।
यह दुर्भाग्य ही कहेंगे कि शनिवार से साई सेंटर में शुरू हुई राज्य स्तरीय तैराकी चैंपियनशिप में लखनऊ के खिलाड़ी बिना अभ्यास हिस्सा ले रहे हैं। इसके कायाकल्प की शुरुआत जुलाई 2021 में हुई थी, लेकिन कछुआ चाल से हो रहे निर्माण कार्य की वजह से दो साल में सिर्फ 50 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है।
स्वीमिंग पूल के लिए बजट करीब दोगुना बढ़ाया गया
योगी सरकार ने स्विमिंग पूल की बदहाल स्थिति सुधारने के लिए वर्ष 2020 में दस करोड़ रुपये मंजूर किए थे। कोरोना संक्रमण के चलते स्टेडियम के हॉस्टल बंद हो गए थे। इसी बीच निर्माण कार्य तो शुरू हुआ, लेकिन पुरातत्व विभाग की आपत्ति की वजह से काम रोक दिया गया। हालांकि, पिछले साल दिसंबर में ही पुरातत्व विभाग ने अपनी हरी झंडी दे दी। स्विमिंग पूल को आलवेदर बनाने के लिए बजट करीब दोगुना (कुल बजट 18 करोड़ रुपये) बढ़ा दिया गया।पिछले साल जून में ही पूरा होना था निर्माण कार्य
सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी को स्विमिंग पूल का निर्माण कार्य पिछले साल जून में ही पूरा कर देना चाहिए था, लेकिन नहीं हो पाया। इसके बाद एजेंसी की ओर से दिसंबर तक समय मांगा गया और फिर इस साल मार्च में निर्माण कार्य संपन्न कराने का वादा किया गया। पर, आलम यह है कि अभी यहां आधा काम ही हो सका है।
इस साल भी नहीं तैयार हो पाएगा पूल
पूल निर्माण की बात करें तो वर्तमान स्थिति की बात करें तो स्विमिंग पूल के लिए चेंजिंग रूम का निर्माण पूरा किया गया है। पूल में टाइल्स लगाने का काम हो गया है। लेकिन, अभी चारों तरफ दीवार और फिनिशिंग कार्य, कुर्सी लगाना, हाल बनना, विद्युतीकरण, डाइविंग बोर्ड और पूल को कवर करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य अधूरे पड़े हैं। ऐसे में केडी सिंह बाबू स्टेडियम के स्वीमिंग पूल में अभ्यास की बाट जोह रहे तैराकों को अभी इंतजार करना पड़ेगा। अभी इसका निर्माण कार्य पूरा करने में कम से कम दो से तीन माह और लग सकते हैं। तब तक तैराकी का सत्र समापन की ओर होगा।स्पोट्रर्स कालेज का स्विमिंग पूल भी बंद
उत्तर प्रदेश ने पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की मेजबानी की, लेकिन बड़ी प्रतियोगिता के आयोजन के लिए लखनऊ में कोई स्विमिंग पूल नहीं था। ऐसे में तैराकी की स्पर्धा नोएडा में आयोजित की गई। केडी सिंह बाबू स्टेडियम के स्वीमिंग पूल का निर्माण कार्य अधूरा है और स्पोट्रर्स कॉलेज के पूल को करीब आठ साल पहले बंद कर दिया गया था। शासन से दो बार जीर्णोद्धार के निर्देश भी दिए गए, लेकिन कुछ नहीं हो सका।
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