Nagar Nigam News: ठेकेदार ने नगर निगम के मुख्य अभियंता को दी धमकी, मोबाइल पर भेजा ऑडियो
Nagar Nigam News महापौर और नगर आयुक्त के बीच लंबे समय से चल रहे शीतयुद्ध में नगर निगम अखाड़ा बन गया है।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Sat, 01 Aug 2020 07:00 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। नगर निगम के मुख्य अभियंता (विद्युत यांत्रिक) राम नगीना त्रिपाठी ने तेलीबाग निवासी ठेकेदार अतीकउर रहमान पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। एसीपी हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक एफआइआर दर्ज कर छानबीन की जा रही है। मुख्य अभियंता का कहना है कि उन्हें उनके मोबाइल फोन पर एक ऑडियो आया। इसमें आरोपित ठेकेदार उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहा है। कथित ऑडियो में आरोपित मुख्य अभियंता को संबोधित करते हुए कह रहा है कि... बोल दो की मुझसे बात करे। ...चैला चलेगा तो वहीं कमरे में बंद करके फुटबॉल की तरीके से... वहीं मारेंगें, पता नहीं चलेगा उसको... ज्यादा वो अपने को अधिकारी के रूप में न देखे। अभी हमारा पागलपन देखा नहीं ना...। चार पांच मुकदमे चल रहे हैं। उसने खंभे से लाइट उतरवा ली... हमारे खंभे उतरवा रहा है। मिल जाए तो वहीं गोली मार देंगे... उसको चैन से नहीं बैठने देंगे। मुख्य अभियंता ने पुलिस को यह ऑडियो रिकॉर्डिंग सौंपी है। आरोपित मेसर्स मीना लाइट हाउस का संचालक है।
नगर निगम बना अखाड़ा, कर्मचारी पार्षद भी उतरे मैदान में महापौर और नगर आयुक्त के बीच लंबे समय से चल रहे शीतयुद्ध में नगर निगम अखाड़ा बन गया है। एक ठेकेदार के शिकायती पत्र का हवाला देते हुए महापौर संयुक्ता भाटिया ने प्रमुख सचिव नगर विकास को भेजे पत्र में नगर आयुक्त डा.इंद्रमणि त्रिपाठी और मुख्य अभियंता (विद्युत-यांत्रिक) राम नगीना त्रिपाठी पर लगाए गए आरोपों की जांच ईडब्लूओ या फिर सतर्कता अधिष्ठान से कराने की सिफारिश की थी। इस पत्र पर नगर आयुक्त ने सफाई देते हुए कहा था कि विवादित ठेेकेदार की पैरवी महापौर को नहीं करनी चाहिए। उन्होंने ठेकेदार पर फर्जी तरह से फाइलों को तैयार करने और भुगतान का दबाव डालने और धमकी देने का आरोप लगाया था। नगर आयुक्त ने ठेकेदार के द्वारा पूर्व में किए गए फर्जीवाड़े की रिपोर्ट जारी की है। उनकी चार साल की फाइलों को निकाला जा रहा है।
विपक्ष समेत भाजपा पार्षदों ने जताई नाराजगी भाजपा पार्षद राजीव कृष्ण त्रिपाठी,भृगुनाथ शुक्ला, संतोष राय, हर्षित दीक्षित, सुशील तिवारी, विनीता सिंह, कुमकुम राजपूत, राघवराम तिवारी, राजेश सिंह गब्बर, मुन्ना मिश्रा, रेखा रोशनी, कांग्रेस पार्षद गिरीश मिश्र, ममता चौधरी, राजेंद्र सिंह गप्पू, अमित चौधरी, मोहम्मद हलीम,सपा पार्षद शैलेंद्र सिंह बल्लू, मोनू कनौजिया, मोहम्मद सलीम और शीबा चांद सिद्दीकी ने बयान जारी कर ठेकेदार के कृत्य पर नाराजगी जताई और कहा कि महापौर जिस ठेकेदार का पक्ष ले रही हैं वह एक पूर्व सरकार का खास ठेकेदार था। उधर, भाजपा पार्षद दल के उप नेता रामकृष्ण यादव का कहना है कि किसी को जांच से पीछे नहीं हटना चाहिए। भाजपा पार्षदों का कहना है कि उनसे कुछ और बताकर कुछ पार्षदों ने हस्ताक्षर कराए हैं।
मेरी लड़ाई किसी से नहीं-महापौर महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि उनकी किसी से लड़ाई नहीं है और वह किसी के साथ नहीं हैं। उनकी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है। नगर निगम की छवि को साफ सुथरी रखने के लिए जो होगा, उसे करूंगी। जिन पर आरोप लगे हैं और अगर वह निर्दोष हैं तो डरने की जरूरत नहीं है लेकिन अगर दोषी पाए गए तो सरकार छोड़ेगी भी नहीं। मेरे कार्यालय में भ्रष्टाचार की शिकायत का एक पत्र भी डस्टबिन में नहीं जाएगा।
अभियंता-कर्मचारी भी नाराज स्थानीय निकाय इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एसपी तिवारी और महासचिव देवेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश पालिका केंद्रीयित (राजस्व) सेवा संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर यादव, महामंत्री राजेश सिंह, सफाई कर्मचारी संघ के नरेश वाल्मीकि, सुनील धानुक, कमल वाल्मीकि, बृजेश चौधरी और राम नरेंद्र दीवान ने नाराजगी जताते हुए सुरक्षा की मांग की है। उनका कहना है कि पूरी नगर निगम की टीम कोरोना संक्रमण रोकने के अभियान में लगी है और ऐसे में ठेेेकेदार की धमकी से असुरक्षा पैदा हो गई है और अधिकारियों का मनोबल गिराने की साजिश हो रही है।
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