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पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा व उनके पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश, लाखों की धोखाधड़ी का मामला

पूर्व वालीबाल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा एवरेस्ट शिखर पर चढऩे वाली पहली भारतीय दिव्यांग है। वर्ष 2015 में इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था। एसीजेएम कृष्ण मोहन पांडेय ने यह आदेश ओम प्रकाश तिवारी की अर्जी पर संज्ञान लेते हुए दिया है।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Tue, 16 Nov 2021 11:49 AM (IST)
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अरुणिमा सिन्हा को वर्ष 2015 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था।

लखनऊ, विधि संवाददाता। लाखों की धोखाधड़ी के एक मामले में अदालत ने पद्मश्री अरुणिमा सिन्हा व उनके पति गौरव सि‍ंह मसन्द के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। पूर्व वालीबाल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा एवरेस्ट शिखर पर चढऩे वाली पहली भारतीय दिव्यांग है। वर्ष 2015 में इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था। एसीजेएम कृष्ण मोहन पांडेय ने यह आदेश ओम प्रकाश तिवारी की अर्जी पर संज्ञान लेते हुए दिया है। उन्होंने इस मामले में आइसीआइसीआइ बैंक की शाखा गौरी के कर्मचारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश थानाध्यक्ष सरोजनीनगर को दिया है।

अर्जीकर्ता का आरोप है कि वर्ष 2015 में उसने अरुणिमा सिन्हा के साथ एक प्राइवेट कंपनी खोली, जिसका नाम अरुणिमा इवेंट्स मैनेजमेंट सर्विसेज था। इस कंपनी का खाता आइसीआइसीआइ बैंक की शाखा गौरी में खोला गया। इस कंपनी में वह और अरुणिमा बराबर के साझीदार थे। कंपनी के खाते में 75 लाख रुपये जमा थे। इस खाते का संचालन दोनों संयुक्त रूप से करते थे, लेकिन कूटरचित दस्तावेज व फर्जी हस्ताक्षर के जरिए अरुणिमा खाते का संचालन एकल रूप से करने लगीं। फिर अपने पति गौरव सि‍ंह मसन्द व बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से पूरा पैसा निकाल लिया। अर्जीकर्ता की ओर से वकील अमर सि‍ंह ने बहस की थी। वर्ष 2020 में अरुणिमा सिन्हा ने भी ओम प्रकाश तिवारी के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मुकदमा थाना सरोजनीनगर में दर्ज करा रखा है, जो अदालत में विचाराधीन है।

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