Yogi Adityanath Oath Ceremony: हेलीपैड पर न उड़े धूल, इसलिए सौ टन गोबर से हुई लिपाई
Yogi Adityanath News पहली बार किया गया प्रयोग लखनऊ में नगर निगम के कान्हा उपवन के 10700 गोवंशों के गोबर का किया गया उपयोग। 35 मीटर के दायरे में तीनों हेलीपैडों के चारों तरफ दिख रही गोबर की परत।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Fri, 25 Mar 2022 03:44 PM (IST)
लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। गोबर की खपत भी हो गई और धूल उडऩे का डर भी खत्म हो गया। लखनऊ में यह पहला मौका है, जब वीआइपी के आगमन पर हेलीकाप्टर के उतरने और उडऩे के दौरान धूल से बचने के लिए गोबर का उपयोग किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अन्य अतिथियों के हेलीकाप्टरों के लिए शपथ ग्रहण समारोह स्थल पर तीन हेलीपैड बनाए गए हैं। यहां एक समय तीन हेलीकाप्टरों को उतरना है। बुधवार को यहां हेलीकाप्टरों ट्रायल करने पर चारों तरफ धूल का गुबार नजर आया था।
हेलीकाप्टरों के उतरने और उड़ान भरने के समय धूल न उड़े, इसके लिए लंबा मंथन चला। पानी का छिड़काव करने से भी कोई लाभ नहीं मिला, क्योंकि गर्मी से पानी सूख जा रहा था। प्रधानमंत्री के आगमन से पहले वहां टैंकरों से पानी का छिड़काव कराना सुरक्षा कारणों से उचित नहीं था। लिहाजा, तय किया गया कि अगर हेलीपैडों के चारों तरफ गोबर की लिपाई कर दी जाए तो धूल को रोका जा सकता है। ऊपर से हरी झंडी मिलने के साथ ही नगर निगम के नादरगंज में बने कान्हा उपवन से वाहनों पर लादकर गोबर मंगवाया गया। बुधवार से ही हेलीपैड के चारों तरफ 35 मीटर दायरे में गोबर की लिपाई कराई जाने लगी। काम जल्द पूरा हो सके, इसके लिए 150 मजदूरों को लगाया गया।
गांव जैसा अहसास : गोबर की लिपाई से जहां गर्मी से राहत मिली, वहीं हवा में भी गांव जैसा अहसास होने लगा। हालांकि, हेलीपैड के बाहरी भाग के पास 35 मीटर गोबर की लिपाई से सटी जगह पर पानी का छिड़काव भी होगा, जिससे हेलीकाप्टर जब उतरने के लिए चक्कर काटे तो धूल न उड़े।
खप गया सौ टन गोबर : हेलीपैड पर दस बड़े वाहनों में गोबर लादकर भेजा गया। हर वाहन पर दस टन गोबर लादा गया। कान्हा उपवन में 10,700 गोवंशों का गोबर स्टोर था। इस गोबर से लट्ठ समेत अन्य सामान तो बन रहे हैं, लेकिन गोबर की शत-प्रतिशत खपत न होने से नगर निगम के लिए उसे खपाना भी चुनौती था। हेलीपैड के चारों तरफ लिपाई से सौ टन गोबर की खपत हो गई।
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