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Birth Anniversary Of Beni Prasad Verma : 'बाबू जी' को थी विकास की चिंता, युवाओं को नौकरी के लिए 22 घंटे तक की थी बैठक

कई दशक तक राजनीति में सक्रिय रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा स्वभाव से जिद्दी और कड़क थे पर जिले के विकास की हमेशा चिंता की। तभी केंद्र और राज्य सरकार में मंत्री रहते उन्होंने जनपद के विकास को अपनी प्राथमिकता पर रखा।

By Rafiya NazEdited By: Updated: Thu, 11 Feb 2021 12:08 PM (IST)
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स्वभाव से कड़क पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने खींची विकास की लंबी लकीर। प्रतीकात्‍मक फोटो
बाराबंकी [जगदीप शुक्ल]। कई दशक तक राजनीति में सक्रिय रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा स्वभाव से जिद्दी और कड़क थे, पर जिले के विकास की हमेशा चिंता की। तभी तो केंद्र और राज्य सरकार में मंत्री रहते उन्होंने जनपद के विकास को अपनी प्राथमिकता पर रखा। इसकी गवाही उनके द्वारा कराए गए विकास कार्य देते हैं। करीब सोलह वर्ष तक उनका सानिध्य प्राप्त करने वाले सपा नेता मोहम्मद सबाह बताते हैं बेरोजगारी बाबू जी की बड़ी चिंता थी। इस्पात मंत्री रहते उन्होंने स्नातक उत्तीर्ण युवाओं को ज्यादा नौकरियां मिल सकें, इसके लिए मंत्रालय के अफसरों संग 22 घंटे बैठक की थी। इसकी फाइल वित्त मंत्रालय को भेजी गई थी। हालांकि, इसमें सफलता नहीं मिली, जिसका उन्हें मलाल भी रहा। इसका वे अक्सर जिक्र भी किया करते थे। 11 फरवरी 1941 को सिरौलीगौसपुर में जन्मे बेनी बाबू की जयंती पर जागरण ने उनके जीवन से जुड़े ऐसे ही कुछ अनछुए पहलुओं को टटोलने की कोशिश की। प्रस्तुत है बाराबंकी से रिपोर्ट...

 

राजनीति करना चाहते हो या ठेकेदारी 

मोहम्मद सबाह ने बताया कि बाबू जी स्पष्टवादी थे। वर्ष 1996 में जब मैं पहली बार उनसे मिला तो उन्होंने पूछा राजनीति करना चाहते हो ठेकेदारी। उनके इस प्रश्न से एक पल को मैं अवाक रह गया। तुरंत फिर वह बोले- राजनीति करना चाहते तो मेरे साथ रहो..मेरी गाड़ी में चलो। अगर ठेकेदारी करनी है तो काम दिलवाऊंगा पर साथ नहीं चल सकोगे।

झूठ से दूरी, जरूरतमंदों के बने मददगार: सबाह बताते हैं उनको झूठ से चिढ़ थी। वह जरूरतमंदों की मदद उनकी तहकीकात करने के बाद ही करते थे और झूठ बोलने वाले को फटकारते भी थे। मदद करने वालों से कहीं ठगी न हो जाए, इसका भी ख्याल रखते थे। नौकरी आदि में कहीं कोई लेनदेन तो कहीं किया जा रहा। इस पर भी नजर रखते थे।

‘मदद का नहीं पीटते थे ढिंढोरा’: गांधीवादी चिंतक पंडित राजनाथ शर्मा बताते हैं कि बेनी बाबू पिछड़ों की राजनीति में अग्रणी थे। उनके उत्थान के लिए अनेक कार्य किए। उनकी एक विशिष्टता थी कि वह जिसकी मदद करते थे उसका कभी ढिंढोरा नहीं पीटते थे। वह अपनी जिद को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करते थे।

जिम्मेदारी मिली तो छोड़ दी छाप

  • विकास भवन का निर्माण
  • सिरौलीगौसपुर तहसील का निर्माण व विभिन्न भवनों का निर्माण
  • दूर संचार केंद्र का निर्माण और अन्य विकास कार्य
  • जिले में विभिन्न नदी-खारजों पर पुल का निर्माण
  • सड़कों का बिछाया जाल
  • इसके अलावा विभिन्न गेस्ट हाउस का निर्माण, युवाओं को रोजगार दिलाने सहित विभिन्न कार्य कराए।
फैक्ट फाइल

  • जन्म तिथि : 11 फरवरी 1941
  • पुण्यतिथि : 27 मार्च 2020
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