Dev Deepawali 2024: दिव्य रोशनी से जगमगाई राजधानी, दैनिक जागरण ने मनाया भव्य दीपोत्सव
देव दीपावली के पावन पर्व पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ करोड़ों दियों की रोशनी से जगमगा उठे। दैनिक जागरण ने इस भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। रंगोली और दीपसज्जा प्रतियोगिताओं ने इस उत्सव में चार चांद लगा दिए। इस दौरान शिक्षा साक्षरता बेटियों की सुरक्षा और प्रकृति संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण संदेश भी दिए गए।
महेन्द्र पाण्डेय, जागरण लखनऊ। सूर्यदेव अस्ताचल हुए। संध्या बेला आयी तो तिमिर छाने लगा, तभी एक-एक दीया प्रज्ज्वलित हुआ और आदि गंगा गोमती के तट पर असंख्य रश्मियों का नैनाभिराम दृश्य सृजित हो उठा। दमकते घाट को देख देव दीपावली की रात इठला उठी।
लक्ष्मण मेला स्थल दीपकों की आकाशगंगा की मानिंद प्रतीत होता रहा। दैनिक जागरण दीपोत्सव की इस मनोहारी झांकी को स्मृतियों में सहेजने की तीव्र उत्कंठा जन-मन में दिखी। लोग स्वयं को रोक न पाए और फोटो और वीडियो बनाकर इस पल को सहेजते रहे।
दुर्दांत असुर त्रिपुर पर भगवान त्रिपुरारी की विजय के पर्व देव दीपावली पर दैनिक जागरण ने भव्य दीपोत्सव मनाया। उत्सव का पहला दीया प्रज्ज्वलित हुआ और चंद मिनटों में छठ घाट अनगिनत दीपों से प्रकाशमान होने लगा।
दीप जलाते एकेटीयू के छात्र। जागरण
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पूर्णिमा के चांद ताले पग-पग हिलोरे मारता उत्साह जन-जन में आस्था का संचार करता रहा। तभी दीयों का हार पहन आदि गंगा मुस्कराने लगीं तो शाम से ही अंबर से झांकते चंद्रदेव को देख ऐसा लगा, मानों वो इस पल को निहारने की प्रतीक्षा कर रहे थे। तट पर दीयों का प्रकाश बढ़ा और परावर्तित रश्मियों से नैसर्गिक दृश्य साकार हो उठा।
दीप जलाती पार्षद ममता चौधरी। जागरण
इस मनोहारी स्वरूप को देख हर मन में उल्लास की लहरें उठने लगीं। नदी में उठती जलतरंग हर मन में उमंग भरती रही तो ज्योति किरणें प्रकाशपुंज बनकर धरा को आलोकित करती रहीं। भक्ति गीतों का प्रवाह श्रद्धा के पर्व को आध्यात्मिक रूप प्रदान करता रहा। उपरिगामी सेतु पर लटतीं जगमगाती झालरें इस उत्सव को महोत्सव के रूप में परिलक्षित करती रहीं। 17 टीमों के बीच रंगोली और दीपसज्जा प्रतियोगिता दीपोत्सव की दिव्यता में चार चांद लगाती रही। किसी ने रंगोली में श्रीराम का स्वरूप उतार दिया तो किसी ने सोशल मीडिया की गिरफ्त में जा रहे समाज की तस्वीर उकेर दी। आर्ट कॉलेज के छात्रों द्वारा बनाई गई रंगोली। जागरण
दीप से दीप जलते गए और शिक्षा, साक्षरता का संदेश भी रोशन हो उठा। रंगोली से बेटियों की सुरक्षा का सबक भी मिला। नवरात्र में पूजनीय बेटियों की वेदना जाहिर थी- केवल नौ दिन नहीं, उन्हें 365 दिनों तक सम्मान और सुरक्षा चाहिए। पराली न जलाने और प्रकृति को बचाने का सशक्त संदेश भी जन-जन के लिए ग्राह्य था। इसे भी पढ़ें- झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, नवजात शिशुओं के परिवारों से की मुलाकात
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।इस मनोहारी स्वरूप को देख हर मन में उल्लास की लहरें उठने लगीं। नदी में उठती जलतरंग हर मन में उमंग भरती रही तो ज्योति किरणें प्रकाशपुंज बनकर धरा को आलोकित करती रहीं। भक्ति गीतों का प्रवाह श्रद्धा के पर्व को आध्यात्मिक रूप प्रदान करता रहा। उपरिगामी सेतु पर लटतीं जगमगाती झालरें इस उत्सव को महोत्सव के रूप में परिलक्षित करती रहीं। 17 टीमों के बीच रंगोली और दीपसज्जा प्रतियोगिता दीपोत्सव की दिव्यता में चार चांद लगाती रही। किसी ने रंगोली में श्रीराम का स्वरूप उतार दिया तो किसी ने सोशल मीडिया की गिरफ्त में जा रहे समाज की तस्वीर उकेर दी। आर्ट कॉलेज के छात्रों द्वारा बनाई गई रंगोली। जागरण
दीप से दीप जलते गए और शिक्षा, साक्षरता का संदेश भी रोशन हो उठा। रंगोली से बेटियों की सुरक्षा का सबक भी मिला। नवरात्र में पूजनीय बेटियों की वेदना जाहिर थी- केवल नौ दिन नहीं, उन्हें 365 दिनों तक सम्मान और सुरक्षा चाहिए। पराली न जलाने और प्रकृति को बचाने का सशक्त संदेश भी जन-जन के लिए ग्राह्य था। इसे भी पढ़ें- झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, नवजात शिशुओं के परिवारों से की मुलाकात