Shri Krishna Chhati 2020: छठोत्सव के उल्लास में मुस्कुराई शाम-ए-अवध, जयकारे से गुंजायमान हुई लक्ष्मण नगरी
Shri Krishna Chhati 2020 झांकियों में दिखे श्रीकृष्ण के विविध स्वरूप। छठोत्सव के साथ ही श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के आयोजन का समापन हो गया।
By Divyansh RastogiEdited By: Updated: Mon, 17 Aug 2020 04:08 PM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। Shri Krishna Chhati 2020: तहजीब के शहर-ए-लखनऊ की हर शाम निराली है। गंगा जमुनी रंग को अपने आंचल में समेटे शाम-ए-अवध सोमवार को श्रीकृष्ण के छठोत्सव के उल्लास में मुस्कुरा उठी। लक्ष्मण नगरी में हर ओर शाम ढलने के साथ शुरु हुआ उल्लास देर रात तक चरम पर पहुंच गया। कोरोना संक्रमण के चलते सुरक्षा इंतजामों के साथ कई स्थानों पर श्रद्धालुओं को नंदलाल को पालने में झुलाने का अवसर भी दिया गया। यही नहीं मंदिरों की ओर से फेसबुक व सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म से भी आयोजन का प्रसारण कर श्रद्धालुओं को घर में ही दर्शन कराए गए। छठोत्सव के साथ ही श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के आयोजन का समापन हो गया।
महिलाओं ने गाए गीत लगाया छप्पन भोगमेरे बांके बिहारी लाल तुम इतना ना करियो सिंगार, नजर तोहे लग जाएगी... के भाव में भजनों का रसधारा के बीच डालीगंज स्थित श्री माधव मंदिर में छठी उत्सव देखते ही बन रहा था। महिलाओं ने जहां मंगल गीत गाए वहीं कंचन साहू ने बाल गोपाल को गोदी में बैठाकर नैन में काजल लगाकर, बालरुपी पोशाक पहनाई। पुजारी लालता प्रसाद ने भगवान श्री राधा माधव का अलौकिक श्रृंगार करने के बाद महाआरती की और 56 भोग लगाया। मंदिर समिति के अध्यक्ष बिहारी लाल साहू ने छठी उत्सव के आनंद पर भक्तों पर लड्डू लुटाए। हरिनाम संकीर्तन हरे कृष्ण, हरे राम से पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा। प्रवक्ता अनुराग साहू ने बताया कि भारत भूषण गुप्ता, ओमकार जायसवाल, श्याम जी साहू, गोविंद साहू, माया आनंद, दिनेश अग्रवाल, राकेश साहू व दीपक महरोत्रा की मौजूदगी में कढ़ी, चावल, पूड़ी, खीर, हलुआ, सेब, केले का प्रसाद वितरित किया गसा।
इस्कॉन मंदिर में श्री राधा रमण संकीर्तन के साथ मना उत्सवसुलतानपुर रोड स्थित इस्कॉन मंदिर में सुरक्षा कारणों से बाहर के श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध था। मंदिर के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम दास के सानिध्य में श्री राधा रमण मंदिर में श्रृंगार के साथ संकीर्तन किया गया। देर शाम वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शुरू हुआ अभिषेक किया गया। मंदिर के अध्यक्ष ने बताया कि करीब दो लाख लोगों ने मंदिर के फेसबुक पेज पर श्रीकृष्ण के छठ उत्सव को प्रसारित किया गया। भोग प्रसाद के साथ समापन हुआ। शहर में इकलौता इस्काॅन मंदिर है। कुछ लोग भ्रम फैलाकर श्रद्धालुओं को गुमराह करते थे।
फेसबुक पर दिखा छठोत्सवश्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के साथ मक्खन खाते श्रीकृष्ण, ग्वालों के साथ गाय चराते नंद लाल की चलायमान प्रतिमाओं के साथ न्यू गणेशगंज में डिजिटल झांकी सजाई गई थी। अंतिम दिन छठोत्सव की डिजिटज झांकी का फेसबुक पेज पर लाइव प्रसारण किया गया। संयोजक अनुपम मित्तल ने बताया कि छह दिनों से शाम को आरती के साथ ही डिजिटल झांकी को पेज पर प्रसारित किया गया। बच्चों की प्रतियोगिताओें का भी छठ के साथ समापन हो गया। सुरक्षा के चलते प्रसाद वितरण का कार्यक्रम नही किया गया।
श्री खाटू श्याम का श्रृंगारबीरबल साहनी मार्ग स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर में भी श्री खाटू श्याम का फूलों से श्रृंगार किया गया। देर शाम रोशनी से नहाए मंदिर में दर्शन कर श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। संगठन मंत्री सुधीश गर्ग ने बताया कि मंदिर के पुजारी की ओर से आरती और प्रसाद वितरण किया गया। कालिया नाग पर स्थापित श्रीकृष्ण की प्रतिमा को जीवंत करने के लिए झालरों से सजाया गया। आयोजन में सिर्फ पदाधिकारी ही शामिल हुए। फूलों से सजे दरबार में आरती और प्रसाद वितरण के साथ छठोत्सव का समापन हुआ।
झांकियों का समापनआलमबाग के सनातन मंदिर में श्रीराम दरबार के बीच श्रीकृष्ण के अवतरण की झांकी का छठोत्सव के साथ समापन हुआ। रिजर्व पुलिस लाइन में मंदिर परिसर में सुरक्षा इंतजामों के साथ छठोत्सव मनाया गया। बंगलाबाजार के श्रीराम जानकी मंदिर और चंद्रिका देवी मंदिर में भी पूजन के साथ देर रात श्रीकृष्ण की आरती के साथ छह दिवसीय उत्सव का समापन हुआ। कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी शनि मंदिर,इंद्रलोक कॉलोनी के इंद्रेश्चर मंदिर, मानस नगर के तुलसी मानस मंदिर, श्री संकट मोचन मंदिर के अलावा बड़ा व छोटा शिवाला, संदोहन देवी मंदिर व गुलाचिन मंदिर समेत सभी मंदिरों में पूजन के साथ छठोत्सव मनाया गया। वहीं घरों में भी छठोत्सच मनाकर श्रीकृष्ण की झांकी को विसर्जित की गई। आशियाना की अंजू रघुवंशी ने बताया कि घर में झूला बनाकर श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की गई। परिवार के सभी लोगों ने मिलकर पूजन किया। कृष्णानगर की मानस नगर निवासी रंजना सिंह ने बताया कि पूजन और प्रसाद वितरण के साथ समापन हुआ।
श्रीराधा अष्टमी 26 कोश्रीकृष्ण जन्मोत्व के 15 दिन बाद श्री राधा जी का जन्म माना जाता है। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि भादो मास की शुक्त पक्ष की अष्टमी 26 अगस्त को है, इसी दिन श्री राधा रानी का जन्म हुआ था। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से श्रीकृष्ण की विशेष कृपा मिलती है और उनका पूजन पूरा होता है। राजधानी के सुलतानपुर रोड स्थित इस्कॉन मंदिर में मुख्य अायोजन होगा। एक दिन पहले बंगलाबाजार में रामडोल यात्रा निकाली जाती है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार सिर्फ पूजन होगा। संयोजक आरडी द्विवेदी ने बताया कि श्रीराम जानकी मंदिर में पुजारी व कुछ पदाधिकारी ही पूजन करेंगे। श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित होगा। 26 अगस्त को श्रीराधाष्टमी के दिन किला मोहम्मदी गांव में कंस वध का प्रतीक स्वरूप पूजन होगा।
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