Kartik Purnima 2019 : श्रद्धालुओंं ने आदि गंगा गोमती में लगाई आस्था की डुबकी Lucknow news
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा-स्नान दीपदान और अन्य दानों आदि का विशेष महत्व होता है।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Tue, 12 Nov 2019 11:19 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। आस्था और विश्वास के कार्तिक पूर्णिमा (गंगा स्नान) पर मंगलवार को भोर में ही गोमती घाट श्रद्धालुओं से गुलजार हो उठे। घाटों पर लोगों ने न केवल स्नान किया बल्कि सूर्य देव को अघ्र्य देकर मंगल की कामना भी की। साथ ही आदिगंगा गोमती की स्वच्छता का संकल्प भी लिया और लोगों को जागरूक भी किया।
कुडिय़ा घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा लग गया। गोमती में फैली गंदगी को दरकिनार कर श्रद्धालुओं ने आस्था और विश्वास के साथ आदि गंगा गोमती में डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने न केवल स्नान किया बल्कि लोगों को गोमती को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए जागरूक भी किया। श्रद्धालुओं ने गोमती में डुबकी लगाकर अपने ईष्टदेव से समृद्धि की कामना की। लल्लूमल घाट और अग्रसेन घाट पर भी लोगों ने स्नान कर दान-पुण्य किया। संझिया घाट पर भी श्रद्धालुओं का पहली बार जमावड़ा लगा रहा। शिव मंदिर खदरा में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही।
घाटों के पास लगी रहीं दुकानें कार्तिक पूर्णिमा के गंगा स्नान पर श्रद्धालुओं के आने का क्रम सुबह से ही शुरू हो गया था। दोपहर तक घाटों पर श्रद्धालुओं ने न केवल पूजा-अर्चना की, बल्कि दूध और जल के साथ सूर्य देव को अघ्र्य देकर दान भी किया। घाटों के आसपास दुकानें भी लगी रहीं। पुरुषों के साथ ही महिलाओं और बच्चों में भी स्नान का उत्साह नजर आया।
तुलसी जी की विदाई देवोत्थान एकादशी पर आठ नवंबर को आस्था की प्रतीक देवी तुलसी की शादी हुई थी और मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा पर उनकी विदाई की गई। घरों में हलवा पूड़ी के भोग के साथ तुलसी जी की विदाई समारोह हुआ। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि पांच दिनों तक बरात रुकने के बाद तुलसी की विदाई शालिग्राम के साथ होती है। तुलसी जी भगवान विष्णु की प्रिय हैं और उनकी पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा भी मिलती है।
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