Digital Arrest Scam: एक करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों से पुलिस को मिले अहम सुराग, अन्य जालसाजों की तलाश
लखनऊ की ठाकुरगंज पुलिस ने गिरोह के चार जालसाजों को घैलापुल के पास से गुरुवार को गिरफ्तार किया था। पुलिस को पूछताछ में अहम सुराग मिले हैं। पुलिस अब गिरोह के अन्य लोगों की तलाश में दबिश दे रही है। कई लोगों के नंबर भी सर्विलांस पर ले लिए गए हैं। मोबाइल में पुलिस को कई नंबर मिले हैं और गिरोह के बारे में कई अहम राज पता चले हैं।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। डिजिटल अरेस्ट कर लोगों से एक करोड़ से अधिक की रकम ठगने वाले गिरोह के चार सदस्यों से ठाकुरगंज पुलिस को पूछताछ में अहम सुराग मिले हैं। पुलिस अब गिरोह के अन्य लोगों की तलाश में दबिश दे रही है। कई लोगों के नंबर भी सर्विलांस पर ले लिए गए हैं।
ठाकुरगंज पुलिस ने इस गिरोह के चार जालसाजों को घैलापुल के पास से गुरुवार को गिरफ्तार किया था। इनके पास से तीन मोबाइल, तीन फर्जी आधार कार्ड, तीन पैनकार्ड व एक एटीएम बरामद किया है। मोबाइल में पुलिस को कई नंबर मिले हैं और गिरोह के बारे में कई अहम राज पता चले हैं।
टेलीग्राम पर लिंक भेजकर रकम दोगुनी करने की भी देते थे लालच
गिरफ्तार आरोपितों में मड़ियांव के डिडौली निवासी अभिषेक शुक्ला, फैजुल्लागंज निवासी दिव्यांश श्रीवास्तव, डिडौली निवासी अभिषेक कुमार रावत और केशवनगर का अरविंद कश्यप है। जालसाजों ने पुलिस को बताया था कि वह लोगों को टेलीग्राम पर लिंक भेज कर ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड कराते थे। लोगों को बातों में फंसाकर विश्वास में लेते थे। कम समय में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर निवेश कराते थे। फिर लोगों के उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज मांग कर फर्जी बैंक खाते खुलवाते थे।मोटी रकम निवेश होने पर वे खातों में ट्रांसफर कर लेते थे। वहीं जो लोग उनके जाल में नहीं फंसते थे तो उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लेते थे। इसी तरह से उन्होंने जयपुर निवासी भूपेंद्र चौहान, राजस्थान के निवासी सतीश कुमार, महाराष्ट्र के चैतन्य कुलकर्णी व आनंद वसंत से करीब एक करोड़ रुपए ऐंठे थे।
बरतें विशेष सावधानियां
एसीपी साइबर क्राइम अभिनव के मुताबिक, दुनिया में डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज नहीं होती है। जालसाजों ने कुछ माह से ठगी का तरीका बदल दिया है। ऐसे में हमे सबसे अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है, तभी हम ठगी से बच सकते हैं। लोगों के विशेष रूप से इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।- दुनिया में डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज नहीं होती है।
- पुलिस कभी वाट्सऐप, फेसबुक मैसेंजर, टेलीग्राम पर वीडियो कॉल करके अरेस्ट नहीं करती है।
- पुलिस जब भी किसी को फोन काल करती है मैनुअल करती है।
- अनजान नंबर से वीडियो कॉल रिसीव न करें।
ऐसे पहचाने इन जालसाजों के नंबर
- यह हमेशा वीडियो कॉल करते हैं।
- इनके नंबर पाकिस्तान, अफानिस्तान, दुबई विदेशी नंबर जैसे होते हैं।
- इसके अलावा इंटरनेट कॉलिंग के नंबर होते हैं।
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