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Dinesh Pratap Singh: मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र, अफसरों पर उठाए सवाल

Minister Dinesh Pratap Singh Wrote Letter दिनेश प्रताप सिंह राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार उद्यान कृषि विपणन कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात विभाग ने पत्र में अधिकारियों पर भष्ट्राचार का आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखा की आपकी व्यस्तता का फायदा उठाकर अफसर पैसा बनाने में लगे है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2022 03:52 PM (IST)
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Minister Dinesh Pratap Singh Wrote Letter to CM Yogi Adityanath

लखनऊ, जेएनएन। Minister Dinesh Pratap Singh Wrote Letter: योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) में राज्यमंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) के कैबिनेट मंत्री के कार्य बंटवारा ना करने की शिकायत के बाद अब मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।

विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह (MLC Dinesh Pratap Singh) रायबरेली से लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के खिलाफ भाजपा (BJP) से प्रत्याशी थे।

दिनेश प्रताप सिंह, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात विभाग ने सीएम योगी आदित्यनाथ को तीन पेज का पत्र भेजा है। उन्होंने मंडी परिषद में भ्रष्टाचार के साथ ही अपने मंत्रालय में सभी विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की जानकारी दी है।

इतना ही नहीं मंडी परिषद के अफसरों पर भी सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि अफसरों ने गोदाम के सीसीटीवी कैमरा खराब करने के साथ ही निर्माण कार्यों में भी काफी घपला किया है।

मंत्री दिनेश प्रताप ने पत्र में अधिकारियों पर भष्ट्राचार का आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखा की आपकी व्यस्तता का फायदा उठाकर अफसर पैसा बनाने में लगे है। उन्होंने कहा कि मैंने मंडी समितियों के कामकाज के बारे में प्रतिक्रिया देने की नियमित कवायद के रूप में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंडी परिषद बोर्ड के अध्यक्ष हैं। उन्होंने ही दिनेश प्रताप सिंह को मंत्री के रूप में मासिक बोर्ड बैठक की अध्यक्षता करने के लिए अधिकृत किया है। मंत्री दिनेश प्रताप ने विभिन्न क्षेत्रों से मंडियों में हो रही वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के बारे में मिल रही शिकायतों के बाद 16 अगस्त को बोर्ड की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में ठेकेदारों और अधिकारियों को बुलाया और इस ही बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग का आदेश दिया।

बैठक के बीस दिन बाद मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

मंत्री ने बैठक के करीब 20 दिन बाद मंत्री ने पांच सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सरकारी मंडियों में हो रही वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं की जानकारी दी। मंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि ट्रक और ट्रैक्टरों में बिक्री के लिए लाए गए सामानों को तौलने और रिकार्ड करने के लिए मंडियों में लगाए गई तुलाचौकी अक्सर काम ही नहीं करती है। रिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से तुलाचौकी के पास एक वैकल्पिक रास्ता बनाया गया। अधिकांश वाहन मंडियों के अंदर जाने के लिए उसी रास्ते का प्रयोग करते हैं।

मंडी के सीसीटीवी कैमरे हैं खराब

मंत्री ने पत्र में यह भी कहा कि माल के आगमन और प्रस्थान को रिकार्ड करने के लिए मंडियों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों को या तो खराब कर दिया गया है या मंडी शुल्क से बचने के लिए जानबूझकर डायवर्ट किया गया है। प्रतिबंध के बाद भी मंडी समितियों ने व्यापारियों से चेक में भुगतान स्वीकार किया है, जो बाद में बाउंस हो गया।अधिकारियों ने इसको लेकर कोई अनुवर्ती कार्रवाई नहीं की। बड़ी मात्रा में बकाया राशि की वसूली नहीं हुई है।

विधान मंडल के मानसून सत्र से पहले वायरल मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के इस पत्र को लेकर विपक्षी दलों को भी सरकार को घेरने का मौका मिल गया है।  

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