लोहिया अस्पताल में सप्ताह भर में शुरू होगी डायलिसिस यूनिट, बदले गए प्रभारी
लखनऊ के लोहिया अस्पताल में डायलिसिस यूनिट की अव्यवस्था देखने पहुंचे निदेशक प्रभारी को हटाकर सप्ताह भर में शुरू करने के दिए निर्देश।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Fri, 28 Feb 2020 08:46 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। शहर में गुर्दा रोगियों के इलाज में आफत है। केजीएमयू के नेफ्रोलॉजी में जहां भर्ती बंद है। वहीं, लोहिया संस्थान और पीजीआइ में बेड मिलना मुश्किल है। इसके अलावा लोहिया हॉस्पिटल ब्लॉक में डायलिसिस बंद होने पर निदेशक ने यूनिट का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभारी बदलकर सप्ताह भर में संचालन शुरू करने का निर्देश दिया।
दरअसल, केजीएमयू के नेफ्रोलॉजी विभाग में 30 बेड हैं। विभागाध्यक्ष डॉ. विश्वजीत ने सोमवार से मरीज वार्ड में भर्ती का दावा किया, मगर गंभीर मरीज भटकने को मजबूर हैं। ट्रॉमा सेंटर से किडनी के गंभीर मरीजों को लौटना पड़ रहा है। संस्थान के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक, विभाग में डॉक्टरों की भर्ती होने पर गंभीर मरीज भर्ती किए जाएंगे। ऐसे में केजीएमयू में मरीजों की समस्या हल होना फिलहाल मुश्किल है। वहीं दैनिक जागरण द्वारा लोहिया हॉस्पिटल में डायलिसिस यूनिट बंद होने की खबर प्रकाशित होने पर निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने निरीक्षण किया। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवाशीष शुक्ला, प्रवक्ता डॉ. विक्रम सिंह मौजूद रहे। निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने हॉस्पिटल ब्लॉक यूनिट का प्रभार डॉ. कालरा के बजाय नेफ्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अभिलाष चंद्रा को को सौंप दिया। वहीं एक सप्ताह के अंदर यूनिट संचालन के निर्देश दिए।
इंडोक्राइन का इलाज भी होगा मुश्किल
शहर के चिकित्सा संस्थानों पीजीआइ, लोहिया संस्थान व केजीएमयू में ही इंडोक्राइन के विभाग हैं। वहीं केजीएमयू में कई महीने से विभाग में ताला है। ऐसे ही लोहिया संस्थान के इकलौते डॉ. मनीष गुच्छ ने इस्तीफा दे दिया। अब पीजीआइ ही मरीजों का विकल्प बचेगा।
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