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'NCR से जुड़े यूपी के आठ जिलों में वायु गुणवत्ता पर विशेष नजर रखें डीएम', योगी सरकार ने जारी क‍िए न‍िर्देश

मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों से कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारियों को भी वायु प्रदूषण के ग्रेप के दिशा-निर्देशों के बारे में जागरूक किया जाए। प्रतिदिन सड़कों की सफाई हो और कचरा उठाया जाए। पानी का छिड़काव किया जाए। इसके लिए फॉगिंग मशीन का उपयोग किया जाए। सभी तरह के निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाया जाए।

By Shobhit Srivastava Edited By: Vinay Saxena Updated: Tue, 19 Nov 2024 08:06 AM (IST)
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एनसीआर से जुड़े यूपी के आठ जिलों में विशेष नजर रखने के न‍िर्देश।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने एनसीआर से जुड़े यूपी के आठ जिलों मेरठ, गाजियाबाद, शामली, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, बागपत, गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारियों को वायु गुणवत्ता की विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के निर्देशों का पालन किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत यदि किसी जिले में एक्यूआइ 449 है, तो वहां ग्रेप-4 का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। 450 या 451 एक्यूआई होने का इंतजार न किया जाए।

मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों से कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारियों को भी वायु प्रदूषण के ग्रेप के दिशा-निर्देशों के बारे में जागरूक किया जाए। प्रतिदिन सड़कों की सफाई हो और कचरा उठाया जाए। पानी का छिड़काव किया जाए। इसके लिए फॉगिंग मशीन का उपयोग किया जाए।

सभी तरह के न‍िर्माण कार्यों पर लगाया जाए प्रत‍िबंध

सभी तरह के निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाया जाए। दिशा-निर्देशों में कौन सा एक्शन कब लिया जाएगा, उसी के अनुरूप काम किया जाए। उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता बायो मास के जलने, वाहनों के प्रदूषण और कचरा से प्रभावित होती है। इसमें नंबर एक बायोमास को जलाना है।

वायु प्रदूषण कम करने के लिए जो काम किया जाए वह दिखना भी चाहिए। पराली जलने की घटनाओं पर कहा कि जिलाधिकारियों को सतर्क रहने की जरूरत है। जिन जिलों में पराली जलने की घटनाएं अधिक हो रही हैं, वहां लोगों को इसे न जलाने के लिए अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। इसके बावजूद न मानने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। बैठक में पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस. गर्ग, अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार, प्रमुख सचिव कृषि रवीन्द्र, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात सहित कई अन्य उपस्थित थे।

फर्टिलाइजर को लेकर संवेदनशील जिलों में रखी जाए विशेष निगरानी

मुख्य सचिव ने कहा कि आलू उत्पादन वाले क्षेत्रों में डीएपी की मांग तेजी से बढ़ रही है। मांग के सापेक्ष डीएपी प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। कृषि एवं सहकारिता विभाग इसे ध्यान में रखते हुए डीएपी का आवंटन करे। फर्टिलाइजर को लेकर संवेदनशील जिलों में विशेष निगरानी रखी जाए। कहीं से भी तस्करी एवं कालाबाजारी की शिकायत नहीं आनी चाहिए। सभी जिलों में रैन बसेरा की तैयारी अभी से शुरू कर दिया जाए। कोहरे के कारण सड़क पर ट्रैफिक की अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए। ट्रैफिक जाम करने वालों पर कठोर से कार्रवाई की जाए।

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