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Doctors Strike: कोलकाता घटना का UP में असर तेज, OPD-काउंटर समेत अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर ताला; मरीजों की बढ़ी फजीहत

Doctors Strike In UP कोलकाता में महिला रेजिडेंट के साथ दुष्कर्म व हत्या की जघन्य घटना को लेकर पूरे देश में आंदोलन हो रहा है। यूपी में भी लगभग सभी जिले के अस्पतालों के डॉक्टरों ने सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं को बंद कर दिया। हड़ताल कर जमकर नारेबाजी की। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलता हैं वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Sat, 17 Aug 2024 03:06 PM (IST)
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कोलकाता घटना को लेकर यूपी में सड़क पर उतरे डॉक्टर

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। Kolkata Doctor Rape-Murder Case: कोलकाता में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ हुई हैवानियत को लेकर देश के लगभग हर हिस्सों में चिकित्सकों की हड़ताल काफी उग्र हो गयी है। महिला रेजिडेंट के साथ दुष्कर्म व हत्या की जघन्य घटना को लेकर पूरे देश में आंदोलन हो रहा है। इसका असर उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है।

प्रदेश के लगभग हर जिले में प्रदर्शन जारी है और डॉक्टरों में आक्रोश व्याप्त है। यहां जूनियर ही नहीं सीनियर, वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ विभागाध्यक्ष तथा प्रशिक्षु चिकित्सक भी शनिवार को लामबंद हो गए हैं।

आज भी लखनऊ, अयोध्या, कानपुर, वाराणसी समेत लगभग हर जिले में चिकित्सक हड़ताल पर हैं और जमकर नारेबाजी जारी है। वहीं आईएमए ( इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के आवाहन पर कई जिलों में शनिवार को जिला अस्पतालों के डॉक्टरों ने इमरजेंसी व पोस्टमार्टम सेवाओं के अलावा ओपीडी सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को बंद कर दिया है।

हड़ताल से रोगियों को उपचार की समस्या

अयोध्या में राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य व विभागाध्यक्षों के भी हड़ताल में शामिल हो जाने से रोगियों को उपचार की समस्या खड़ी हो गई है। वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से 24 घंटे की हड़ताल के ऐलान से मेडिकल कॉलेज दर्शननगर ही नहीं, जिलेभर के विभिन्न अस्पतालों में ओपीडी सेवा बाधित है। इससे अस्पताल पहुंचे मरीजों का दर्द काफी बढ़ता जा रहा है। केवल गंभीर मरीजों के लिए ही इमरजेंसी सेवाएं संचालित हैं।

कोलकाता में महिला चिकित्सक से क्रूरता का रामनगरी में भी असर

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी के दौरान जूनियर महिला चिकित्सक के साथ हुई क्रूरता और समर्थन में धरना देने वाले चिकित्सकों के ऊपर हमले से भड़का चिकित्सकों का आक्रोश अब आक्रामक हो गया है। इसका असर रामनगरी में भी देखने को मिल रहा है।

मेडिकल कॉलेज में ओपीडी, आपरेशन थिएटर, पंजीकरण काउंटर, मेडिकल स्टोर से लेकर अन्य सभी स्थानों पर ताला लगाकर सेवाएं बाधित कर दी गई हैं। धरने पर बैठे चिकित्सक नारेबाजी कर रहे हैं। उनके सामने सैकड़ों की संख्या में मरीज खड़े होकर आसभरी नजरों से इलाज का इंतजार कर रहे हैं, बावजूद इसके चिकित्सक नहीं पसीज रहे हैं।

दर्द से कराहते रहे मरीज

गोंडा के नवाबगंज से आए राजकिशोर चोट लगने से चलने में असमर्थ थे, लेकिन पर्चा काउंटर पर ताला लगा होने से घंटेभर इंतजार करना पड़ा। उसके बाद हड़ताल की जानकारी मिली तो उनका दर्द और बढ़ गया। वहीं, सात माह के मासूम राजबली को लेकर पिता गयालाल भटक रहा था। धरनास्थल पर जा रहे चिकित्सकों को बेटे की बीमारी बताता रहा, लेकिन वे भी मजबूर होने के कारण हाथ खड़े कर दे रहे थे।

मौसम के उतार-चढ़ाव के चलते रहती है मरीजों की भरमार

कानपुर देहात में भी कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या और शव मिलने वाले स्थान पर भीड़ द्वारा तोड़फोड़ करने से डॉक्टर बहुत आहत हैं। आईएमए ( इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के आवाहन पर शनिवार को जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं को बंद कर दिया। हड़ताल कर जमकर नारेबाजी की। इससे मरीजों को परेशान होना पड़ा और बैरंग लौटना पड़ा।

वर्तमान में मौसम के उतार-चढ़ाव के चलते मरीजों की भरमार रहती है ऐसे में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहने मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा।

डॉक्टरों का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलता हैं वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे। डॉक्टर अनवार ने बताया की जब दूसरों का जीवन बचाने वाले डॉक्टर ही खतरे में हैं तो कैसे काम चलेगा। बंगाल सरकार मामले में सजग नहीं है तभी डॉक्टरों पर भीड़ ने हमला भी कर दिया। इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई।

पीड़िता के स्वजन को न्याय न मिलने तक जारी रहेगा आंदोलन

भदोही में भी कोलकाता में हुए घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टर पिछले कई दिनों से चिकित्सकीय कामकाज ठप कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जूनियर्स के समर्थन में अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) भी उतर आया है।

आइएमए के केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर जनपद के चिकित्सक भी शनिवार की सुबह छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक हड़ताल पर चले गए। इससे ओपीडी पूरी तरह ठप हो गई, चिकित्सक अस्पताल गेट पर नारेबाजी करते रहे। चेतावनी दी पीड़िता के स्वजन को न्याय न मिलने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

चिकित्सकों को भयमुक्त परिवेश प्रदान करने की मांग

एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. अजय दुबे व सचिव डॉ. आनंद विनय श्रीवास्तव ने बताया कि कोलकाता की घटना से पूरा राष्ट्र शर्मसार है। चिकित्सक वर्ग इस तरह के घटित अपराधों से भय के माहौल में कार्य कर रहा है।

इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने व देश भर के चिकित्सकों को भयमुक्त परिवेश प्रदान करने की मांग को लेकर भारतीय चिकित्सा संघ (आइएमए) पूरे देश में आंदोलन शुरू कर रहा है।

शनिवार की सुबह छह बजे से लेकर 18 अगस्त यानि रविवार की सुबह छह बजे तक सभी ओपीडी चिकित्सा सेवाएं, जांच केंद्र बंद रहेंगे। जबकि आपातकालीन सेवा जारी रहेंगी।

चिकित्सकों की सरकार से कठोर कार्रवाई करने की मांग

चिकित्सक द्वय ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि आंदोलन के माध्यम से सरकार से प्रकरण में कठोर कार्रवाई करने की मांग की जाएगी। चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बनाने व लागू करने की मांग है। भदोही में तीन जिला स्तरीय अस्पताल के अलावा 24 सीएचसी, पीएचसी में सुबह से ही ताला लटक गया।

मरीज अस्पताल पहुंचे लेकिन चैंबरों में चिकित्सक मौजूद नहीं थे। वे परेशान होकर लौट गए। चिकित्सकों की हड़ताल के चलते जिले में लगभग दस हजार मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उधर अस्पताल प्रशासन हड़ताल के चलते मरीजों को जवाब देते-देते परेशान रहा।

व्यापारी, महिलाओं समेत सर्व समाज ने निकाला शांति मार्च

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में मेरठ में बीते शुक्रवार को व्यापारियों के साथ महिलाओं समेत सर्व समाज ने एकजुट होकर दोपहर एक बजे तक बाजार बंद रखे। बुढ़ाना गेट से कमिश्नरी चौराहा तक शांति मार्च निकाला। शांति मार्च के दौरान करीब दो किलोमीटर तक सड़क केसरिया रंग में पटी नजर आई।

व्यापारी संगठन एकजुट होकर केसरिया रंग के झंडे लेकर सड़क पर उतर गए। बांग्लादेश के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रकट किया। अत्याधिक भीड़ होने के कारण कमिश्नरी पार्क में बिना पढ़े सीधा ज्ञापन एडीएम सिटी को सौंपा गया। स्कूल बंद रहे।

शहर के बाजार, पेट्रोल पंप, डॉक्टर के क्लीनिक की ओपीडी आदि दोपहर एक बजे तक बंद रहे। दूसरी ओर, डॉक्टरों ने शनिवार को भी सुबह छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक 24 घंटे के लिए प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी बंद रहेगी। 

महानगर के क्लीनिक भी नहीं खुलेंगे। सिर्फ इमरजेंसी चिकित्सा बहाल रहेगी। संयुक्त व्यापार संघ के दोनों गुट के आह्वान पर आबूलेन, सदर बाजार, सेंट्रल बाजार, बेगमपुल आदि मुख्य बाजार दोपहर एक बजे तक बंद रहे।

पैदल और बाइकों से निकाला गया जुलूस

बुढ़ाना गेट पर बड़ी संख्या में व्यापारी और नागरिक एकत्र हुए। यहां से निकले जुलूस में सबसे आगे वैदिक कन्या गुरुकुल दबथला के बालिकाओं की टोली थी। उसके पीछे महिलाओं का समूह था। लोग हाथों में बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा करने आदि शब्दों से लिखीं तख्तियां और भगवा ध्वज लेकर चल रहे थे। जुलूस में पैदल के अलावा बाइकों पर भी लोग सवार थे। शांति मार्च में शामिल होने वाले अधिकांश लोग ऐसे थे, जो बिना किसी बुलावे के आए थे।

पल्लवपुरम व गंगानगर से लोग शामिल हुए। संयुक्त व्यापार संघ के महामंत्री दलजीत सिंह ने बताया कि शास्त्रीनगर, जागृति विहार, सेंट्रल मार्केट से बड़ी संख्या में व्यापारी पहुंचे।

मेरठ महानगर पेंट्स व्यापार संघ के राजीव गुप्ता, बांबे बाजार के राजीव लोचन गोयल, शिव शक्ति मार्केट के विजय गांधी, ललित गुप्ता, अंकित मन्नू ने भी जुलूस में भाग लिया। कमिश्नरी चौराहे पर पहुंचने के बाद संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता, अजय गुप्ता व भाजपा नेता दीपक शर्मा ने एडीएम सिटी बृजेश सिंह को ज्ञापन दिया।

ये लोग हुए शामिल

मेरठ व्यापार मंडल के जीतू नागपाल, शैंकी वर्मा के अलावा लघु उद्योग भारती के संभाग के अध्यक्ष राजकुमार शर्मा और जाट समाज के अध्यक्ष चौधरी कल्याण सिंह और महामंत्री गजेंद्र सिंह पायल ने भी समर्थन किया।

इस दौरान कैंट विधायक अमित अग्रवाल, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, संयुक्त व्यापार संघ के संरक्षक विजेंद्र अग्रवाल, अरुण वशिष्ठ, संयुक्त व्यापार संघ के उपाध्यक्ष कमल ठाकुर, नरेंद्र राष्ट्रवादी, मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के विजय आनंद अग्रवाल, दीपक रस्तोगी, आर्य समाज के अशोक सुधाकर, राजेश सेठी, ललित गुप्ता, महंत महेंद्र दास, औघड़नाथ, बुढ़ाना गेट मंदिर के पुजारी और समिति के पदाधिकारियों के अलावा ममता त्यागी, सुनीता, सत्यवती आदि भी मौजूद रही।

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