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Mukhtar Ansari Ambulance case: डॉ अलका ने स्वीकारा-मुख्तार के कहने पर जाली कागजात बनाकर खरीदी थी एंबुलेंस

एआरटीओ में फर्जी दस्तावेजों से पंजीयन मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर की डा. अलका राय व उनके सहयोगी डा. शेषनाथ राय मुजाहिद राजनाथ यादव व अन्य आरोपितों ने मुख्तार अंसारी के कहने पर कराया था। यह बात गिरफ्तार अलका राय और उसके सहयोगी ने स्वीकार कर ली।

By Rafiya NazEdited By: Updated: Wed, 21 Apr 2021 09:03 AM (IST)
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मऊ के संजीवनी अस्पताल के संचालिका डा. अलका राय और सहयोगी शेषनाथ गिरफ्तार।
बाराबंकी, जेएनएन। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब में कोर्ट ले जानी वाली एंबुलेंस का रहस्य सामने आ गया है। इसका बाराबंकी एआरटीओ में फर्जी दस्तावेजों से पंजीयन मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर की डा. अलका राय व उनके सहयोगी डा. शेषनाथ राय, मुजाहिद, राजनाथ यादव व अन्य आरोपितों ने मुख्तार अंसारी के कहने पर कराया था। यह बात गिरफ्तार अलका राय और उसके सहयोगी ने स्वीकार कर ली है।

मऊ जिले से गिरफ्तार कर अलका राय और शेषनाथ राय को मंगलवार को बाराबंकी कोतवाली पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। इसमें एक साथी राजनाथ यादव भी है, जिसे पहले ही जेल भेजा जा चुका है।

बयान में खुद स्वीकार किया अपराध : पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि बाराबंकी में फेक आइडी बनाकर मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल के नाम से अलका राय और उनके सहयोगियों ने एंबुलेंस खरीदकर रजिस्टर्ड कराया था। शेषनाथ एम्बुलेंस खरीद में जमानतदार थे। दोनों की गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया है। अलका राय ने अपने बयान में बताया है कि मुख्तार के कहने पर वर्ष 2013 में फेक आइडी के सहारे एंबुलेंस खरीदा था। जोकि मुख्तार के निजी कार्य में प्रयोग होती थी। अन्य फरार साथियों की तलाश हो रही है।

गठित तीन टीमोंं ने किया राजफाश : बाराबंकी कोतवाली नगर में एंबुलेंस यूपी 41 एटी 7171 का पंजीकरण कूटरचित दस्तावेज एवं बिना वैध प्रमाण-पत्र के संचालन करने के संबंध में दो अप्रैल 2021 को

369/21 धारा-419, 420, 467, 468, 471 मुकदमा दर्ज किया गा था। पर्यवेक्षण के लिए तीन टीमें गठित की गई थीं। एक टीम विवेचक निरीक्षक महेंद्र सिंह के नेतृत्व में जिला मऊ भेजी गई थी। दूसरी टीम क्षेत्राधिकारी हैदरगढ़ नवीन कुमार सिंह के नेतृत्व में पंजाब गई थी। संपूर्ण विवेचना की निष्पक्ष जांच एवं पर्यवेक्षण के लिए एक एसआइटी का भी गठन किया गया था। मऊ गई टीम को श्याम संजीवनी अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर की डा. अलका राय, उनके सहयोगी डा. शेषनाथ राय, मुख्तार अंसारी, मुजाहिद विधायक प्रतिनिधि, राजनाथ यादव व अन्य का नाम इस आपराधिक षड्यंत्र में आया था। कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बाराबंकी में मुख्तार अंसारी के लिए एंबुलेंस खरीदी गई थी। इन्होंने दबाव बनाकर प्रपत्रों पर हस्ताक्षर कराया और आपराधिक षड्यंत्र कर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी करते हुए वाहन का खरीदा था। सीओ के नेतृत्व वाली टीम ने पंजाब से रूपनगर-ऊना हाईवे पर ढाबे के पास एंबुलेंस लावारिस हालत में खड़ी मिली थी।

साक्ष्य मिले तो बढ़ाई गई धारा : प्रकरण में साक्ष्यों के क्रम में धारा-120बी, 506, 177 भादवि व 07 सीएलए एक्ट की बढ़ोतरी करते हुए ग्राम अहिरौली थाना सराय लखंसी, मऊ के राजनाथ यादव पुत्र फुलेश्वर यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

अब मुजाहिद की शुरू हुई तलाश : एंबुलेंस प्रकरण में विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि मुजाहिद की तलाश में जुटी हैं। पुलिस टीम ने न सिर्फ वहां मुजाहिद के परिवारजन से पूछताछ की बल्कि उसके संभावित ठिकानों पर दबिश भी दे रही है। हालांकि, अभी पुलिस को मुजाहिद का पता नहीं मिल सका है।

मुख्तार को पेशी पर ले जाने के बाद चर्चा में आई थी एंबुलेंस : बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब में कोर्ट ले जाने बाद एंबुलेंस चर्चा में आई थी। जांच में पता चला था कि यह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बाराबंकी एआरटीओ में पंजीकृत कराई गई थी। इसके बाद एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह ने मऊ की अस्पताल संचालिका डा. अलका राय को नामजद किया था। बाद में उनसे पूछताछ के बाद मुख्तार अंसारी को भी प्रकरण में सह अभियुक्त बनाया गया था।

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