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अयोध्या के कृषि विवि के प्रभारी डॉ. बिजेंद्र सिंह को मिली कुलपति की कमान

आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अयोध्या के कृषि विश्वविद्यालय डॉ. बिजेंद्र सिंह बने कुलपति।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Wed, 04 Mar 2020 07:56 AM (IST)
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अयोध्या के कृषि विवि के प्रभारी डॉ. बिजेंद्र सिंह को मिली कुलपति की कमान
अयोध्या, जेएनएन। आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह को पूर्णकालिक कुलपति बनाया गया है। वे विश्वविद्यालय का प्रभार देखने के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक पद की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। डॉ. ङ्क्षसह प्रख्यात सब्जी फसल अभिजनक हैं। उनकी नियुक्ति कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने तीन वर्ष के लिए की है। डॉ. बिजेंद्र को नियमित कुलपति बनाने जाने पर विश्वविद्यालय शिक्षकों व कर्मियों में हर्ष है। उन्हें गत 27 सितंबर 2019 को तत्कालीन कुलपति प्रो. जेएस संधू के त्यागपत्र देने के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। 

डॉ. सिंह ने इस दौरान कई अहम कार्य किए। उनके प्रयासों का ही सुफल है कि विवि पहली बार नैक मूल्यांकन उत्तीर्ण करने के करीब है। प्रो. संधू के बीच कार्यकाल में त्यागपत्र देने से नैक मूल्यांकन जैसी गंभीर चुनौती का सामना उन्हें करना पड़ा। मीडिया प्रभारी उमेश पाठक का मानना है कि पिछले कुछ माह में कुलपति डॉ. बिजेंद्र ङ्क्षसह के गंभीर प्रयासों का लाभ विश्वविद्यालय को और लाभ पहुंचायेगा। योजनाएं आकार ले सकेंगी।  

सब्जी की प्रजातियां विकसित करने में डॉ. सिंह बेजोड़ 

आचार्य नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बने डॉ. बिजेंद्र ङ्क्षसह सब्जी की प्रजातियों को विकसित करने वाले उत्कृष्ट वैज्ञानिक हैं। इस विधा में उनका देश भर में नाम है। उनका सब्जी फसल अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान  है। उन्होंने सब्जी की कुल 56 प्रजातियां विकसित कीं, इसमें सबसे ज्यादा भिंडी की 15 प्रजातियां है। डॉ. सिंह भिंडी की पांच हाईब्रीड प्रजातियों के विकास के साथ पहली बार लाल रंग की भिंडी विकसित कर सुर्खियों में आए। लाल रंग की भिंडी, सामान्य ङ्क्षभडी की अपेक्षा ज्यादा पोषकतत्वों से युक्त होती है। इसके अतिरिक्त  चिकनी तरोई, लौकी, मूली की चार-चार, फूलगोभी व टमाटर की तीन-तीन, बथुआ व गाजर की दो दो प्रजातियां उन्होंने विकसित कीं। साथ ही मिर्च की दो, खीर, परवल, चौलाई, बैगन, कुम्हड़ा, पेठा, धारीदार तरोई की एक एक प्रजाति विकसित की। डॉ. सिंह ने 217 से ज्यादा शोधपत्र, 11 पुस्तकें, 43 तकनीकी बुलेटिन, 23 ट्रेनिंग बुलेटिन प्रकाशित किए। डॉ. ङ्क्षसह ने सब्जी खेती के विकास व उत्पादक किसानों की सुविधा के दृष्टिगत टाटा कंसलटेंसी के सहयोग से देश का पहला सब्जी ज्ञान मोबाइल ऐप विकसित किया है, जिससे हजारों किसान लाभांवित हो रहे हैं। डॉ. ङ्क्षसह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के निवासी हैं। पीएचडी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान से की। इसके बाद डॉ. बिजेंद्र सिंह का चयन कृषि वैज्ञानिक पद पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली में हुआ था। डॉ. ङ्क्षसह भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के निदेशक भी रहे।

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