डा. कफील खान को सपा ने बनाया एमएलसी चुनाव में अपना प्रत्याशी, गोरखपुर में बच्चों की मौत मामले में हुए थे निलंबित
UP MLC Election 2022 यूपी एमएलसी चुनाव में डा. कफील खान को देवरिया-कुशीनगर विधान परिषद क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है। कफील खान ने मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की है। इस दौरान उन्होंने गोरखपुर आक्सीजन कांड पर लिखी पुस्तक भेंट की।
By Umesh TiwariEdited By: Updated: Wed, 16 Mar 2022 07:51 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव 2022 में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने कई सीटों पर उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। समाजवादी पार्टी ने बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर में आक्सीजन कांड के मामले में चर्चा में आए डा. कफील खान को एमएलसी प्रत्याशी बनाया है। वह देवरिया स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। सपा ने मथुरा-एटा-मैनपुरी से उदयवीर सिंह को फिर प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से दूसरा प्रत्याशी राकेश यादव को बनाया गया है। यह सीट ऐसी है जिससे दो एमएलसी चुने जाते हैं।
डॉ. कफील खान ने मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की है। इस दौरान उन्होंने गोरखपुर आक्सीजन कांड पर लिखी पुस्तक 'द गोरखपुर हास्पिटल ट्रेजडी' भेंट की। डा. कफील खान को गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में हुई बच्चों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर निलंबित किया गया था। कफील खान बुधवार क अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। सपा ने कई सीटों के प्रत्याशियों को सौंपे सिंबल : सपा ने मंगलवार को कई और प्रत्याशियों को सीधे पार्टी का सिंबल फार्म सौंप दिया। जौनपुर से डा. मनोज यादव व बलिया से युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द गिरी को टिकट दिया गया है। राकेश कुमार यादव उर्फ गुड्डू को आजमगढ़-मऊ, संतोष यादव सनी को बस्ती-सिद्धार्थनगर, सुनील कुमार सिंह साजन को लखनऊ-उन्नाव व राजेश कुमार यादव को बाराबंकी से टिकट दिया गया है। फैजाबाद स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से एक बार फिर हीरा लाल यादव पर सपा ने भरोसा जताया है। इसके अलावा इलाहाबाद सीट से सपा ने वासुदेव यादव को फिर प्रत्याशी बनाया है।
आनंद भदौरिया व शशांक ने लड़ने से किया इन्कार : समाजवादी पार्टी के एमएलसी आनंद भदौरिया व शशांक यादव ने चुनाव लडऩे से इन्कार कर दिया है। फिलहाल दोनों ही नेता संगठन में काम करना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार चूंकि स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र का चुनाव बहुत खर्चीला होता है और वर्तमान परिस्थितियां सपा के पक्ष में नहीं हैं इसलिए पार्टी के कई और एमएलसी भी इस बार चुनाव से किनारा कर रहे हैं।
नौ अप्रैल को होगा मतदान : उत्तर प्रदेश विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 36 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया 15 मार्च से शुरू हो गई है। 30 सीटों के लिए नामांकन पत्र 19 मार्च तक भरे जाएंगे जबकि छह सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया 22 तक चलेगी। सभी 36 सीटों के लिए नौ अप्रैल को मतदान होगा। 12 अप्रैल को मतगणना होगी। भाजपा व सपा दोनों ही दल अधिक से अधिक सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी जिताने की कोशिश में जुट गए हैं।
भाजपा की उच्च सदन में बहुमत की कोशिश : उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 36 सीटों के लिए चुनाव स्थानीय निकाय क्षेत्र कोटे के तहत कराया जाएगा। विधान परिषद में फिलहाल समाजवादी पार्टी की सीटें सबसे ज्यादा हैं। मौजूदा समय में सपा की 48 सीटें हैं, जबकि भाजपा की 36 सीटें हैं। हालांकि, सपा के 8 एमएलसी अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इसी प्रकार बसपा का एक एमएलसी भी भाजपा में शामिल हो चुका है। भाजपा इस बार के विधान परिषद चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल कर उच्च सदन में भी बहुमत में आने की कोशिश करेगी।
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