Road Accident : यूपी में लर्नस से ज्यादा लाइसेंस होल्डर करते हैं हादसे, लाइसेंस प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल
आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा हादसे स्थाई लाइसेंस धारकों से होते हैं। ऐसे में लाइसेंस जारी होने वाली प्रक्रिया पर सवाल उठना लाजिमी है। दरअसल लाइसेंस जारी होने से पहले कंप्यूटर पर आवेदक का टेस्ट लिया जाता है।
By Rafiya NazEdited By: Updated: Sun, 04 Jul 2021 03:31 PM (IST)
लखनऊ [नीरज मिश्र]। आपने अक्सर यह सुना होगा कि बिना लाइसेंस वाहन चलाने वाले नौसिखिए चालकों की वजह से हादसे होते हैं, लेकिन यह हकीकत नहीं है। परिवहन विभाग ने बीते साल हुए हादसों का जो आंकड़ा पेश किया है उनमें सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं उनसे हुई हैं जिनके पास पक्के यानी परमानेंट लाइसेंस हैं। प्रदेश के कुल दुर्घटनाएं करीब 51.1 प्रतिशत इन्हीं लाइसेंस धारकों से हुई हैं। दूसरे नंबर पर बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने वाले हैं, जिनसे 15.4 फीसद हादसे दर्ज किए गए हैं।
बीते साल हुईं 34,243 दुर्घटनाएं: बीते साल जनवरी से दिसंबर के बीच करीब 34,243 मार्ग दुर्घटनाएं हुईं। इनमें सबसे ज्यादा 17,506 दुर्घटनाएं लाइसेंस धारकों से हुई हैं।
- लाइसेंस धारक -हादसे -प्रतिशत
- वैध स्थाई -17,506 -51.1
- लर्नर -4,648 -13.6
- बिना लाइसेंस -5,270 -15.4
- कारण अज्ञात -6,819 -19.9
उप परिवहन आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी ने बताया कि यह सही है कि बीते कैलेंडर वर्ष में सबसे ज्यादा हादसे लाइसेंसधारकों से हुए हैं। इसे लेकर विभाग लगातार गंभीर कदम उठा रहा है। संभागीय परिवहन कार्यालयों को बराबर दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। लाइसेंस जारी करने से पहले दक्षता परखने में और अधिक गंभीरता बरती जाएगी।
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