पूर्व IAS मोहिंदर सिंह से ईडी फिर कर सकती है पूछताछ, बसपा सरकार में हुए स्मारक घोटाले में सवाल-जवाब की तैयारी
ईडी की जांच में नया मोड़ पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह के बाद नोएडा प्राधिकरण के अन्य अधिकारी भी जांच के घेरे में आ सकते हैं। एचपीपीएल को दी गई भूमि को लेकर मोहिंदर सिंह ने अपने कार्यकाल के बाद तैनात रहे अधिकारियों पर ठीकरा फोड़ने का प्रयास किया। ईडी जल्द ही मोहिंदर सिंह को पूछताछ के लिए तलब कर सकती है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। निवेशकों से ठगी के मामले में पूर्व आइएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह व हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (एचपीपीएल) के निदेशकों के ठिकानों पर छापेमारी के बाद ईडी की जांच के घेरे में नोएडा अथार्टी के कुछ अन्य अधिकारी भी आ सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि छापेमारी के दाैरान मोहिंदर सिंह ईडी अधिकारियों के कई सवालों पर चुप्पी साधे रहे थे। एचपीपीएल को दी गई भूमि को लेकर अपनी जिम्मेदार से बचते रहे। सिंह ने अपने कार्यकाल के बाद तैनात रहे अधिकारियों पर भी ठीकरा फोड़ने का प्रयास भी किया।
मोहिंदर सिंह के बाद नोएडा अथार्टी का जिम्मा पूर्व आइएएस अधिकारी संजीव सरन व रमा रमण ने भी संभाला था। ईडी मोहिंदर सिंह को जल्द अपने लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय में पूछताछ के लिए तलब कर सकता है।
स्मारक घोटाले में पूछताछ की तैयारी
बसपा शासनकाल में हुए स्मारक घोटाले में भी मोहिंदर से सवाल-जवाब की तैयारी है। स्मारक घोटाले की जांच विजिलेंस व ईडी दोनों कर रहे हैं। ईडी के मंगलवार व बुधवार को एचपीपीएल व क्लाउड नाइन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक रहे सुरप्रीत सिंह सूरी, विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, आदित्य गुप्ता, आशीष गुप्ता और नोएडा अथारिटी के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहिंदर सिंह व अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
इस दौरान हुई पूछताछ में मोहिंदर सिंह ने अपनी कई संपत्तियों की जानकारी साझा की थी। जिनमें चंडीगढ़ व दिल्ली में कई कीमती संपत्तियां शामिल हैं। संपत्तियों को लेकर छानबीन तेज की गई है। ईडी जल्द कुछ अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी कर सकता है। ईडी ने नोएडा के एचपीपीएल कंपनी के लोटस-300 प्रोजेक्ट के निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर जांच शुरू की थी।
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