UP News: बसपा सरकार में हुए स्मारक घोटाला मामले में कार्रवाई तेज, BJP विधायक त्रिभुवन राम से भी पूछताछ करेगी ED
1400 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले में लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता व वर्तमान में भाजपा विधायक त्रिभुवन राम से भी पूछताछ करने की तैयारी में है। सूत्रों का कहना है कि ईडी ने नोटिस जारी कर उन्हें दीपावली से पूर्व पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी खनन घोटाले में अपनी छानबीन तेजी से आगे बढ़ा रहा है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बसपा सरकार में हुए 1400 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले में लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता व वर्तमान में भाजपा विधायक त्रिभुवन राम से भी पूछताछ करने की तैयारी में है। वह वाराणसी की अजगरा सीट से विधायक हैं।
सूत्रों का कहना है कि ईडी ने नोटिस जारी कर उन्हें दीपावली से पूर्व पूछताछ के लिए बुलाया है। इसके साथ ही खनन निदेशालय के तत्कालीन संयुक्त निदेशक डा.सुहेल अहमद फारुकी को भी पूछताछ के लिए तलब किया गया है। ईडी खनन घोटाले में अपनी छानबीन तेजी से आगे बढ़ा रहा है।
इन अधिकारियों के दर्ज किए जा चुके हैं बयान
ईडी ने बीते दिनों तत्कालीन खनन निदेशक रामबोध मौर्य, बसपा सरकार में प्रमुख सचिव, आवास व शहरी नियोजन रहे मोहिंदर सिंह व लखनऊ विकास प्राधिकरण के तत्कालीन उपाध्यक्ष हरभजन सिंह से के बयान भी दर्ज किए थे। कुछ अन्य पूर्व अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।
विधायक ने कहा- कोई नोटिस नहीं मिला
विजिलेंस से स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी गई है। विधायक त्रिभुवन राम का कहना है कि उन्हें हाल-फिलहाल कोई नोटिस नहीं मिला है। लगभग तीन वर्ष पूर्व उनसे पूछा गया था, तब उन्होंने जांच एजेंसियों को स्पष्ट कर दिया था कि मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
सूचना आयोग में पुलिस ने दिया गलत शपथ पत्र, जांच के आदेश
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य सूचना आयोग में गलत शपथ पत्र देने के मामले में फंसे दो पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध आयोग ने जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने संत कबीर नगर व बस्ती के पुलिस अधीक्षकों को आदेश दिए हैं कि गलत शपथ पत्र पेश करने वाले पुलिस निरीक्षकों की जांच कर आयोग में रिपोर्ट पेश की जाए। राज्य सूचना आयुक्त स्वतंत्र प्रकाश गुप्त ने यह आदेश जारी किए हैं।
आयोग में बस्ती के थाना लालगंज निवासी रामजीत यादव ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना न देने को लेकर बस्ती पुलिस के जन सूचना अधिकारी के विरुद्ध अपील की थी। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान जन सूचना अधिकारी की तरफ से सुनील कुमार ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया था। शपथ पत्र में शपथ लेने का कोई कथन ही अंकित नहीं था।
इसी प्रकार के एक अन्य मामले में संत कबीर नगर के खलीलाबाद थाना निवासी उमेश कुमार की अपील पर सुनवाई के दौरान संत कबीर नगर के अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के जनसूचना अधिकारी की तरफ से उप निरीक्षक प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने भी गलत शपथ पत्र पेश किया। नतीजतन आयोग ने बस्ती व संतकबीर नगर के पुलिस अधीक्षकों को पूरे मामले की जांच कर 26 नवंबर को आयोग में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
यह भी पढ़ें: यूपी में माफिया की साढ़े 4000 करोड़ की संपत्ति जब्त, जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत निरंतर हो रही कार्रवाई