बिजली दरों के निर्धारण में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की आपत्तियों का बिजली कंपनियां सही उत्तर नहीं दे पा रही हैं । परिषद ने विद्युत नियामक आयोग से मांग की है कि आपत्तियों का सही उत्तर नहीं मिलने के कारण वह बिजली दरों में कमी का आदेश जारी करते हुए नई दरें तय कर दे । . .
जागरण संवाददाता, लखनऊ। बिजली दर का निर्धारण करने में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की आपत्तियों का बिजली कंपनियां सही उत्तर नहीं दे पा रही हैं। परिषद ने विद्युत नियामक आयोग से मांग की है कि आपत्तियों का सही उत्तर नहीं मिलने के कारण वह बिजली दरों में कमी का आदेश जारी करते हुए नई दरें तय कर दे।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि कई उच्च स्तरीय बैठकों में प्रदेश की बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं के उनके पास सरप्लस 33,122 करोड़ रुपये के बारे में उत्तर देने से बच रही हैं। विद्युत अधिनियम 2003 के प्रविधानों के तहत उपभोक्ताओं की दाखिल सभी आपत्तियों का जवाब बिजली कंपनियों को देना चाहिए।
अध्यक्ष ने कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है जब नियामक आयोग ने बिजली दर का निर्धारण करने के लिए बिजली कंपनियों पर दबाव बनाया है। अवकाश में भी दफ्तर खुल रहे हैं। आयोग को उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव को मानते हुए बिजली दरों में कमी करके अपना निर्णय सुनाना चाहिए। माना जा रहा है कि इस माह के अंत तक आयोग बिजली दर के संबंध में आदेश कर देगा।
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