Bijli Connection: यूपी में उद्योगों-दुकानों का बिजली कनेक्शन होगा महंगा, आयोग करेगा अंतिम निर्णय
उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिसिटी सब कमेटी ने कास्ट डाटा बुक की दरों पर विचार कर उद्योगों-दुकानों का बिजली कनेक्शन महंगा करने मन बनाया है। वहीं इस पर अंतिम निर्णय आयोग लेगा। प्रोसेसिंग फीस व सिक्योरिटी राशि बढ़ने से उद्योगों के कनेक्शन का खर्चा सर्वाधिक बढ़ेगा। वहीं घरेलू और किसानों के नए बिजली कनेक्शन की दरें यथावत ही रह सकती हैं।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Tue, 31 Oct 2023 08:09 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आवासीय (घरेलू) और किसानों के लिए नए बिजली कनेक्शन का खर्चा तो फिलहाल बढ़ने की उम्मीद नहीं है, लेकिन उद्योगों और दुकानों के नए कनेक्शन जल्द ही महंगे होने वाले हैं। बिजली कनेक्शन के लिए विभिन्न विद्युत सामग्री की दरों संबंधी प्रस्तावित कास्ट डाटा बुक को लेकर सोमवार को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक हुई।
इस दौरान दरों पर विस्तृत चर्चा के बाद अब आयोग कास्ट डाटा बुक को अंतिम रूप देगा। वैसे तो पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने सभी श्रेणियों के बिजली कनेक्शन की दरों में 30 से 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी प्रस्तावित करते हुए पिछले दिनों आयोग में कास्ट डाटा बुक दाखिल की थी, लेकिन आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार की अध्यक्षता में लगभग तीन घंटे चली बैठक में उस पर सहमति नहीं बनी।कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने प्रस्तावित दरों को अनुमोदित करने की मांग उठाई तो सब कमेटी के सदस्य और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने मीटर की दरों पर ही सवाल उठा दिए। वर्मा ने मीटर खरीदने का आदेश दिखाते हुए कहा कि 768 रुपये में खरीदे गए सिंगल फेस मीटर की दर कास्ट डाटा बुक में 1124 रुपये प्रस्तावित किया गया है। 1845 रुपये में लिए गए थ्री फेस मीटर की कीमत 3213 रुपये लिखी गई है।
पहले से ही सिंगल फेज मीटर के लिए 872 रुपये और थ्री फेस के लिए 2921 रुपये वसूले जा रहे हैं। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि 25 केवीए वितरण ट्रांसफार्मर की दर जीएसटी सहित 60,907 रुपये है, लेकिन 74,198 रुपये प्रस्तावित किया गया है। अन्य उपभोक्ता सामग्री की दरों में भी मनमाने तरीके से बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है। बीपीएल को छोड़ अन्य श्रेणियों के कनेक्शन के लिए प्रोसेसिंग फीस की दरों में 100 प्रतिशत तक प्रस्तावित बढ़ोतरी का विरोध करते हुए वर्मा ने कहा कि आनलाइन प्रोसेसिंग होने से उपभोक्ता खुद ही आधा काम कर रहे हैं, इसलिए प्रोसेसिंग फीस को बढ़ाना न्याय संगत नहीं है।
प्रोसेसिंग फीस बढ़ने से घरेलू व किसानों के कनेक्शन महंगे हो सकते थे, लेकिन आयोग द्वारा अब मीटर की प्रस्तावित दरों में कमी करने की उम्मीद से इन श्रेणियों के कनेक्शन का खर्चा यथावत या कुछ कम भी हो सकता है। चूंकि उद्योगों की सिक्योरिटी राशि में भी लगभग 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है इसलिए उद्योगों के कनेक्शन का खर्चा दो गुणे से भी अधिक हो सकता है।
सिर्फ प्रोसेसिंग फीस बढ़ने से दुकानों के कनेक्शन 15 से 20 प्रतिशत तक महंगे हो सकते हैं। वर्मा ने महिलाओं के नाम 20 प्रतिशत से भी कम कनेक्शन का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं के कनेक्शन लेने पर 33 प्रतिशत तक छूट दी जाए। इस पर कारपोरेशन के एमडी ने कहा कि बिजली कंपनियां वाणिज्यिक संस्थान के रूप में काम करती हैं इसलिए आयोग या सरकार ही इस पर निर्णय ले सकती है।
दरों पर सभी का पक्ष सुनने के बाद आयोग अध्यक्ष ने कहा कि सभी पहलुओं को देखने के बाद ही प्रस्तावित कास्ट डाटा बुक पर निर्णय करेंगे। बैठक में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगरौत, कारपोरेशन के निदेशक वितरण जीडी द्विवेदी सहित नोएडा पावर कंपनी और टोरेंट पावर के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
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