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'बकाया की वसूली के नाम पर बिजली उपभोक्ता का नहीं होना चाहिए उत्पीड़न', ऊर्जा विभाग की मीटिंग में बोले सीएम योगी

एनटीपीसी के साथ संयुक्त उपक्रम के रूप में स्थापित हो रही ओबरा डी अनपरा ई और मेजा तापीय परियोजना-द्वितीय चरण के अलावा टीएचडीसी के साथ निर्माणाधीन खुर्जा तापीय परियोजना का कार्य तेज किए जाने की अपेक्षा है। रिहंद बांध ओबरा जलाशय तथा इसके आस पास के क्षेत्र में पम्प स्टोरेज प्लांट स्थापित किये जाने की संभावना का अध्ययन कराया जाए।

By Jagran News Edited By: Gaurav Tiwari Updated: Mon, 15 Jul 2024 04:47 PM (IST)
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हर घर बिजली-निर्बाध बिजली के संकल्प की पूर्ति में विद्युत पारेषण तंत्र को और बेहतर किया जाना आवश्यक है।

डिजिटल टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को ऊर्जा विभाग के मंत्री की उपस्थिति में प्रदेश में बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए भविष्य के दृष्टिगत जारी प्रयासों की समीक्षा की। बैठक में उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ-साथ सभी डिस्कॉम के वरिष्ठ अधिकारी और इजिनियर्स मौजूद रहे। बैठक में सीएम योगी ने कई दिशा-निर्देश जारी किए।

मीटिंग की प्रमुख बातें

पीएम मोदी के मार्गदर्शन में बीते 7 वर्षों में प्रदेश में सबको बिजली-निर्बाध बिजली का संकल्प पूरा हो रहा है। हर गांव-हर मजरे तक बिजली उपलब्ध पहुंचाई गई है। यह सुखद है कि आज बिना किसी भेदभाव अथवा वीआईपी कल्चर के आपूर्ति की जा रही है। इस बार भीषण गर्मी के बीच आम जन की सुविधा के लिए अतिरिक्त प्रयास करते हुए 15 मार्च से 30 जून तक पूरे प्रदेश में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की गई।

विभिन्न हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट के अतिरिक्त आज प्रदेश में अनपरा, हरदुआगंज, ओबरा, पारीछा और जवाहरपुर में 22 थर्मल परियोजनाएं सफलतापूर्वक चल रही हैं। घाटमपुर, पनकी, ओबरा-सी और जवाहरपुर में निर्माणाधीन इकाइयों का कार्य तेजी के साथ पूरा करा लिया जाए।

एनटीपीसी के साथ संयुक्त उपक्रम के रूप में स्थापित हो रही ओबरा डी, अनपरा ई और मेजा तापीय परियोजना-द्वितीय चरण के अलावा, टीएचडीसी के साथ निर्माणाधीन खुर्जा तापीय परियोजना का कार्य तेज किए जाने की अपेक्षा है। इन प्रयासों से प्रदेश की विद्युत उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी होगी।

रिहंद बांध, ओबरा जलाशय तथा इसके आस पास के क्षेत्र में पम्प स्टोरेज प्लांट स्थापित किये जाने की संभावना का अध्ययन कराया जाए।

बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2018-19 में एक दिन में सर्वाधिक 20062 मेगावॉट की मांग रही, जो इस सत्र में 13 जून को 30618 मेगावॉट तक पहुंच गई थी। आमजनता की आवश्यकता के दृष्टिगत इस वर्ष गर्मी के मौसम में निर्बाध बिजली आपूर्ति की गई। मांग के सापेक्ष पर्याप्त बिजली आपूर्ति कराया जाना सुनिश्चित कराएं।

हर घर बिजली-निर्बाध बिजली के संकल्प की पूर्ति में विद्युत पारेषण तंत्र को और बेहतर किया जाना आवश्यक है। नए सब स्टेशन स्थापित करने से पूर्व वहां की आवश्यकता का अध्ययन जरूर किया जाए। अगले पांच वर्ष की आवश्यकता के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित करते हुए नए सब स्टेशनों की स्थापना कराई जाए।

गांव हो या नगरीय क्षेत्र ट्रांसफार्मर खराब हो तो बिना विलंब तत्काल सुधार होना चाहिए। आवश्यकतानुसार नया ट्रांसफार्मर भेजा जाए। तय समय सीमा का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। ट्रांसफार्मर की मरम्मत करने वाली एजेंसियों के कार्यों का भी अवलोकन किया जाना चाहिए। टॉल फ्री नंबर/हेल्पलाइन पर आने वाली हर कॉल अटेंड करें। हर उपभोक्ता की समस्या का यथोचित समाधान किया जाना चाहिए।

बिजली कनेक्शन चार्ज तय करने को लेकर अकसर लोगों में असंतुष्टि देखी गई है। यह आवश्यक है कि इसमें एकरूपता हो। इसके लिए नियमों में सुधार करें। अनावश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर चार्ज को कम किया जाए। आम जन की सुविधा और सहूलियत को प्राथमिकता दें।

पॉवर कॉर्पोरेशन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है सही बिल और समय पर बिल उपलब्ध कराना तथा सभी उपभोक्ताओं से बिल की राशि का संग्रह करना। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी उपभोक्ता को गलत बिजली बिल न मिले और सभी को समय से बिल मिल जाए। ओवरबिलिंग अथवा विलंब से बिल दिया जाना उपभोक्ता को परेशान तो करती ही है, व्यवस्था के प्रति निराश भी करती है और वह बिल जमा करने के प्रति उत्साहित नहीं होता। ऐसे में समय से बिल और सही बिल दिया जाना सुनिश्चित करें। उपभोक्ताओं से संवाद बनाएं। इसके लिए डिस्कॉम से लेकर फीडर तक सभी को ठोस प्रयास करना होगा।

नियोजित प्रयासों से लाइन लॉस में लगातार कमी आ रही है। बिजली चोरी को रोकें। मीटर रीडर के काम की मॉनीटरिंग की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि बिजली मीटर जांच/बिल बकाया के नाम पर किसी उपभोक्ता का उत्पीड़न नहीं होगा। हर उपभोक्ता के साथ हमारा व्यवहार सद्भावनापूर्ण होना चाहिए।

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के प्रति लोगों में उत्साह है। अब तक 18 लाख से अधिक लोगों ने इस योजना से जुड़ने के लिए पंजीयन कराया है। उचित होगा कि इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। अधिकाधिक लोगों को इस योजना से परिचय कराएं।

अयोध्या के साथ-साथ सभी नगर निगमों को 'सोलर सिटी' के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए।

झांसी, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, चित्रकूट और जालौन में प्रस्तावित सोलर पार्क के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से पूरी करें। इसी प्रकार, जैव ऊर्जा नीति के अनुरूप, सीबीजी, बायो कोल और बायो डीजल प्लांट की स्थापना की कार्यवाही को भी आगे बढ़ाया जाए।