Move to Jagran APP

UP के ग्रामीण इलाकों में बिजली की किल्लत, मांग ज्यादा है फिर भी सिर्फ 18 घंटे हो रही आपूर्ति

उत्तर प्रदेश में बिजली की उपलब्धता के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों को 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है जबकि शहरी क्षेत्रों को नियमित आपूर्ति हो रही है। पावर कॉर्पोरेशन ने हाल ही में बिजली की मांग घटने के कारण अपनी सात उत्पादन यूनिट्स (1600 मेगावाट क्षमता) को बंद कर दिया है लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण इलाकों को पूरी बिजली आपूर्ति नहीं दी जा रही।

By Ajay Jaiswal Edited By: Sakshi Gupta Updated: Tue, 19 Nov 2024 05:07 PM (IST)
Hero Image
ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है। (प्रतीकात्मक तस्वीर) जागरण।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली की अधिकता होने के बावजूद ग्रामीण इलाकों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति नहीं मिल रही है। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई है, जब राज्य में बिजली की मांग घटने के बावजूद पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने अपनी उत्पादन यूनिट्स को बंद कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप गांवों में बिजली की आपूर्ति अब भी 18-19 घंटे तक ही सीमित रह गई है, जो उपभोक्ताओं के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।

इसे भी पढ़ें- UP News: महाकुंभ में देखने को मिलेगी भारतीय संविधान की अद्भुत ऑडियो-विजुअल गैलरी, योगी सरकार का बड़ा ऐलान

उपभोक्ताओं को बिजली पाने का कानूनन अधिकार

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने पावर कॉर्पोरेशन के इस निर्णय पर कड़ा एतराज जताया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि जब बिजली की उपलब्धता अधिक है और मांग कम हो गई है, तो फिर क्यों पावर कॉर्पोरेशन ग्रामीण इलाकों को 24 घंटे बिजली देने के बजाय अपनी यूनिट्स को बंद कर रहा है? उनका यह भी कहना है कि जब तीन दिन पहले तक ग्रामीण क्षेत्रों को भी 24 घंटे बिजली आपूर्ति मिल रही थी, तब राज्य की अधिकतम बिजली मांग 19,860 से 19,928 मेगावाट के बीच थी, लेकिन अब, जब बिजली की मांग कम हुई है, तो सात यूनिटों को बंद करने के बावजूद ग्रामीण इलाकों को पूरी बिजली क्यों नहीं दी जा रही?

पावर कॉर्पोरेशनने हाल ही में अपनी सात उत्पादन यूनिट्स (जिनकी कुल क्षमता 1600 मेगावाट है) को बंद कर दिया है, क्योंकि मांग घटने के कारण इनकी आवश्यकता नहीं थी, लेकिन इस निर्णय से केवल शहरी क्षेत्रों को ही लाभ मिल रहा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों को उचित आपूर्ति नहीं मिल पा रही। वर्मा का आरोप है कि पावर कॉर्पोरेशन की यह कार्यप्रणाली उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।

गांव में 24 घंटे बिजली की हो रही आपूर्ति

उन्होंने यह भी बताया कि जब उत्पादन यूनिट्स बंद की जाती हैं, तो उनकी फिक्स लागत (जो बिजली के उत्पादन से जुड़ी होती है) उपभोक्ताओं को बिजली दर के रूप में चुकानी पड़ती है। ऐसे में यह साफ नहीं है कि जब मांग कम हो, तो यूनिट बंद करने के बजाय क्यों अन्य विकल्प नहीं अपनाए जाते। वर्मा का कहना है कि पावर कॉर्पोरेशन को चाहिए कि वह अपने फैसलों पर पुनर्विचार करे और ग्रामीण क्षेत्रों में भी 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करे।

इस स्थिति पर विचार करते हुए उपभोक्ता परिषद ने यह मांग की है कि जब राज्य में बिजली का पर्याप्त भंडार है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति बढ़ाई जाए। साथ ही यह भी सुझाव दिया गया है कि बिजली के उत्पादन की क्षमता का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, ताकि बिजली संकट की आड़ में ग्रामीण इलाकों की उपेक्षा न हो।

इसे भी पढ़ें- यूपी के 14 PCS अफसर बनेंगे IAS अधि‍कारी, ग्रेड पे में भी होगी बढ़ोतरी; DPC की बैठक में बनी सहमत‍ि‍

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।