UP के ग्रामीण इलाकों में बिजली की किल्लत, मांग ज्यादा है फिर भी सिर्फ 18 घंटे हो रही आपूर्ति
उत्तर प्रदेश में बिजली की उपलब्धता के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों को 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है जबकि शहरी क्षेत्रों को नियमित आपूर्ति हो रही है। पावर कॉर्पोरेशन ने हाल ही में बिजली की मांग घटने के कारण अपनी सात उत्पादन यूनिट्स (1600 मेगावाट क्षमता) को बंद कर दिया है लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण इलाकों को पूरी बिजली आपूर्ति नहीं दी जा रही।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली की अधिकता होने के बावजूद ग्रामीण इलाकों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति नहीं मिल रही है। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई है, जब राज्य में बिजली की मांग घटने के बावजूद पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने अपनी उत्पादन यूनिट्स को बंद कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप गांवों में बिजली की आपूर्ति अब भी 18-19 घंटे तक ही सीमित रह गई है, जो उपभोक्ताओं के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।
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उपभोक्ताओं को बिजली पाने का कानूनन अधिकार
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने पावर कॉर्पोरेशन के इस निर्णय पर कड़ा एतराज जताया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि जब बिजली की उपलब्धता अधिक है और मांग कम हो गई है, तो फिर क्यों पावर कॉर्पोरेशन ग्रामीण इलाकों को 24 घंटे बिजली देने के बजाय अपनी यूनिट्स को बंद कर रहा है? उनका यह भी कहना है कि जब तीन दिन पहले तक ग्रामीण क्षेत्रों को भी 24 घंटे बिजली आपूर्ति मिल रही थी, तब राज्य की अधिकतम बिजली मांग 19,860 से 19,928 मेगावाट के बीच थी, लेकिन अब, जब बिजली की मांग कम हुई है, तो सात यूनिटों को बंद करने के बावजूद ग्रामीण इलाकों को पूरी बिजली क्यों नहीं दी जा रही?
पावर कॉर्पोरेशनने हाल ही में अपनी सात उत्पादन यूनिट्स (जिनकी कुल क्षमता 1600 मेगावाट है) को बंद कर दिया है, क्योंकि मांग घटने के कारण इनकी आवश्यकता नहीं थी, लेकिन इस निर्णय से केवल शहरी क्षेत्रों को ही लाभ मिल रहा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों को उचित आपूर्ति नहीं मिल पा रही। वर्मा का आरोप है कि पावर कॉर्पोरेशन की यह कार्यप्रणाली उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।